भारत में सौर-ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है। क्यों?

भारत में सौर-ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है। क्यों?

                              अथवा
निकट भविष्य में सौर ऊर्जा किस प्रकार हमारा ऊर्जा संकट हल करेगी ?
                              अथवा
भारत में ऊर्जा की समस्या को सौर ऊर्जा कैसे कुछ हद तक हल कर सकती है? अपने विचार लिखिए।
उत्तर: सूर्य, ऊर्जा का अक्षय स्रोत है। इससे ऊर्जा की मात्रा विपुल रूप में अनवरत प्राप्त की जा सकती है। उष्ण कटिबन्धीय देश होने के कारण भारत में सौर-ऊर्जा की उत्पादन क्षमता तथा उपयोग की अधिक सम्भावना है। भारत में सौर-ऊर्जा के विकास के लिए भौगोलिक परिस्थितियाँ बहुत अनुकूल हैं। वर्तमान समय में भारत में सौर-ऊर्जा की दो विधियाँ प्रचलित हैं

1. सौर तापीय विधि- सौर ऊर्जा को फोटोवोल्टाइक प्रौद्योगिकी द्वारा सीधे विद्युत में परिवर्तित किया जा सकता है। भारत में परम्परागत ऊर्जा संसाधनों की बढ़ती कीमतों तथा इनकी संभाव्य कमी ने भविष्य की ऊर्जा आपूर्ति के लिए अनिश्चितताएँ पैदा कर दी हैं। भारत में वर्षपर्यन्त सौर-ऊर्जा प्राप्त होती है। हमारे देश में सौर-ऊर्जा के उत्पादन की क्षमता में वृद्धि हुई है।

2. फोटोवोल्टिक विधि- सौर-ऊर्जा का नव्यकरणीय एवं प्रदूषणरहित स्रोत होने के कारण भारत में सौर-ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है। भारत में कई स्थानों पर सौर-ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गये हैं। आज देश में सौर-ऊर्जा धीरे-धीरे काफी लोकप्रियता प्राप्त कर रही है। सौर ऊर्जा का प्रयोग खाना पकाने, पम्प द्वारा पानी निकालने, पानी गर्म करने, प्रशीतन तथा सड़कों की रोशनी करने में किया जाता है। सर्दी में घरों को गर्म करने में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। इस तरह कहा जा सकता है कि भारत में सौर-ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल हैं।

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