मुद्रण संस्कृति ने भारत में राष्ट्रवाद के विकास में क्या मदद की ?
मुद्रण संस्कृति ने भारत में राष्ट्रवाद के विकास में क्या मदद की ?
अथवा
मुद्रण संस्कृति ने 19वीं सदी में भारत में राष्ट्रवाद के विकास में किस प्रकार सहायता की? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: मुद्रण संस्कृति ने भारत में राष्ट्रवाद के विकास में निम्न प्रकार से मदद की
1. मुद्रण संस्कृति द्वारा देश में राष्ट्रवाद का प्रचार-प्रसार किया जाता था।
2. स्थानीय भाषायी समाचार पत्रों के माध्यम से औपनिवेशिक सरकार के शोषण के तरीकों की आम जनता को जानकारी दी जाती थी।
3. मुद्रण संस्कृति के माध्यम से शिक्षा का प्रचार-प्रसार होता था।
4. मुद्रण संस्कृति से स्थानीय भाषाओं में धार्मिक शिक्षा को बढ़ावा मिला।
5. राष्ट्रवादी राष्ट्रीय व स्थानीय समाचार-पत्रों द्वारा हमेशा भारतीय जनता के दृष्टिकोण को प्रचारित किया जाता था।
6. ब्रिटिश सरकार के गलत नियमों, राष्ट्रवादी भावनाओं को फैलने से रोकने आदि के प्रयासों, दमनकारी नीतियों एवं प्रेस की स्वतन्त्रता पर प्रतिबन्ध आदि की जानकारी विस्तार से प्रकाशित की जाती थी।
7. भारत के विभिन्न समाज सुधारकों के विचारों को आम जनता तक पहुँचाया जाता था तथा समाज सुधार के प्रयास किये जाते थे।
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