मैं धार्मिक नहीं हूँ, मुझे सांप्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता की परवाह क्यों करनी चाहिए ?
मैं धार्मिक नहीं हूँ, मुझे सांप्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता की परवाह क्यों करनी चाहिए ?
उत्तर: साम्प्रदायिकता कुछ धार्मिक समुदायों की घृणित प्रवृत्ति के कारण समाज में फैलने वाली गंदगी है, जिससे सामाजिक शांति भंग होती है। इसलिए हमें साम्प्रदायिकता का विरोध करना चाहिए, चाहे हम धार्मिक हों या न हों। धर्मनिरपेक्षता का अर्थ यह है कि हमारे देश में किसी भी धर्म पर पाबंदी नहीं है। यहाँ सभी धर्म के लोगों का सम्मान किया जाता है। हम धार्मिक नहीं हैं, तब भी हमें धर्मनिरपेक्षता का ध्यान रखना चाहिए, ताकि किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावना को कोई ठेस न पहुँचे।
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