राष्ट्रीय पहचान के निर्माण में भाषा और लोक परम्पराओं के महत्त्व पर चर्चा करें।

राष्ट्रीय पहचान के निर्माण में भाषा और लोक परम्पराओं के महत्त्व पर चर्चा करें।

उत्तर: किसी व्यक्ति की राष्ट्रीय पहचान के निर्माण में भाषा और लोक परम्पराओं का बहुत अधिक महत्त्व होता है। किसी व्यक्ति की पहचान उसकी भाषा व पारम्परिक रीति-रिवाजों से होती है क्योंकि वह जो भाषा बोलता है वह उसके राष्ट्र अर्थात् उसकी मातृभूमि से सम्बन्धित होती है।

भाषा और परम्पराएँ अचानक ही विकसित नहीं होतीं बल्कि एक लम्बी समयावधि में विकसित होती हैं। हम देखते हैं कि लोग जन्म लेते हैं, मरते हैं, लेकिन मानव परम्पराएँ यथावत् बनी रहती हैं। वे मरती नहीं हैं। वे सदैव जीवित रहती हैं। व्यक्ति जहाँ भी जाता है वह उसे पहचान देती हैं।

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