लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की विभिन्न भूमिकाओं की चर्चा करें।

लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की विभिन्न भूमिकाओं की चर्चा करें।

अथवा
लोकतंत्र में राजनीतिक दलों का क्या महत्त्व है?
अथवा
आधुनिक लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की भूमिका का वर्णन कीजिए।
अथवा
एक राजनीतिक दल के किन्हीं पाँच कार्यों की व्याख्या कीजिए।
अथवा
लोकतन्त्र में राजनीतिक दलों के किन्हीं पाँच प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
अथवा
लोकतान्त्रिक सरकार में राजनीतिक दलों के महत्त्व का वर्णन कीजिए।
अथवा
भारतीय राजनीतिक दलों के कार्यों का वर्णन कीजिए।

उत्तर: लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की विभिन्न भूमिकाओं/कार्यों को निम्नलिखित बिन्दुओं के माध्यम से स्पष्ट किया जा सकता है
1. चुनाव लड़ना: विश्व के अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में चुनाव राजनीतिक दलों द्वारा चयनित उम्मीदवारों के मध्य लड़ा जाता है। राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों का चुनाव कई तरीकों से करते हैं; जैसे-संयुक्त राज्य अमेरिका में उम्मीदवारों का चुनाव दल के सदस्य व समर्थक करते हैं, वहीं भारत में दलों के नेता ही उम्मीदवार चुनते हैं।

2. नीतियों एवं कार्यक्रमों को मतदाताओं के समक्ष रखना: संजनीतिक दल अलग-अलग नीतियों एवं कार्यक्रमों को मतदाताओं के समक्ष रखते हैं तथा मतदाता अपनी पसंद की नीतियाँ एवं कार्यक्रम चुनते हैं। लोकतंत्र में समान या एक जैसे विचारों को एक साथ लाना होता है, ताकि सरकार की नीतियों को एक दिशा प्रदान की जा सके। राजनैतिक दल यही कार्य करते हैं। वे विभिन्न प्रकार के विचारों को कुछ बुनियादी राय तक समेट लाते हैं जिनका वे समर्थन करते हैं। सरकार प्रायः शासक दल की राय के अनुरूप अपनी नीतियाँ तय करती है।

3. कानून निर्माण में भूमिका: राजनीतिक दल देश के कानून-निर्माण में निर्णायक भूमिका का निर्वाह करते हैं, कानूनों पर औपचारिक बहस होती है तथा उन्हें विधायिका में पास करवाना होता है। लेकिन विधायिका के अधिकांश सदस्य किसी-न-किसी राजनीतिक दल के सदस्य होते हैं, इस कारण वे अपने दल के नेता के निर्देश पर फैसला करते हैं।

4. सरकार का निर्माण एवं संचालन: राजनैतिक दल ही सरकार का निर्माण करते हैं एवं उसका संचालन करते हैं जो भी राजनीतिक दल अथवा उनका गठबन्धन विधायिका में बहुमत प्राप्त करता है, वह सरकार बनाता है और अपनी विचार पारा के अनुसार सरकार को चलाता है व नीतियाँ बनाता है।

5. शासक दल के विरोधी पक्ष की भूमिका का निर्वाह करना: चुनाव में पराजय का सामना करने वाले दल शासन में विरोधी पक्ष की भूमिका निभाते हैं। ऐसे दल सरकार की गलत नीतियों व असफलताओं की आलोचना करते हैं तथा अपनी राय भी रखते हैं। इसके अतिरिक्त विपक्षी दल सरकार के विरुद्ध आम जनता को भी गोलबन्द करते हैं।

6. जनमत का निर्माण करना: जनमत निर्माण में राजनीतिक दल महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं। वे उन मुद्दों को जनता के समक्ष लाते हैं जिनका सरकार ठीक ढंग से प्रबंध नहीं कर पाती है। इससे ये अपने पक्ष में एवं सत्ताधारी दल के विरुद्ध जनमत का निर्माण करते हैं।

7. सरकारी तंत्र व कल्याणकारी कार्यक्रमों तक जनता की पहुँच को आसान बनाना: राजनीतिक दल ही सरकारी तंत्र एवं सरकार द्वारा संचालित कल्याण कार्यक्रमों तक लोगों की पहुँच बनाते हैं। जनता एक राजकीय अधिकारी के स्थान पर एक नेता तक आसानी से पहुँच सकती है।

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