सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा करें।

सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा करें।

अथवा
भारत में सामाजिक विभाजनों की राजनीति का परिणाम किन कारकों पर निर्भर करता है ? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
सामाजिक विभाजनों की राजनीति का परिणाम निर्धारित करने वाले तथ्यों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: सामाजिक विभाजनों की राजनीति तय करने वाले तीन कारक निम्नलिखित हैं-
1. विभिन्न समुदायों की माँग के प्रति सरकारी रुख-विभिन्न समुदायों के लोगों की माँग पर सरकार कैसा रुख अपनाती है। यदि सरकार उनकी मांगों को दबाने का प्रयास करती है तो इस स्थिति में सामाजिक विभाजन का खतरा रहता है। यदि माँग संविधान की सीमा के अन्तर्गत है तो सरकार को चाहिए कि माँगों पर पुनर्विचार करके उसे मान ले, इस स्थिति में सामाजिक विभाजन का खतरा टल जाता है।

2. लोगों में अपनी पहचान के प्रति आग्रह की भावना-यदि लोग स्वयं को सबसे विशिष्ट एवं अलग मानने लगते हैं तो उनके लिए दूसरों के साथ तालमेल बैठाना बहुत मुश्किल हो जाता है और यदि लोग अपनी बहुस्तरीय पहचान के प्रति सचेत हैं और इसे राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा या सहयोगी मानते हैं तब कोई समस्या नहीं होती।

3. राजनीतिक दलों का रवैया-विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता सामाजिक मूल्यों के प्रति अपने विचार किस प्रकार व्यक्त करते हैं। यदि वे किसी एक धर्म या समुदाय की माँग का समर्थन करते हैं तो इस प्रकार सामाजिक विभाजन की स्थिति उत्पन्न होती है।

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