हमें अल्प बेरोजगारी के सम्बन्ध में क्यों विचार करना चाहिए?

हमें अल्प बेरोजगारी के सम्बन्ध में क्यों विचार करना चाहिए?

उत्तर: अल्प बेरोजगारी वह स्थिति है जब लोग नियोजित दिखाई देते हैं परन्तु वास्तव में अल्प बेरोजगार होते हैं। इस स्थिति में आवश्यकता से अधिक लोग एक ही काम में लगे रहते हैं। यदि उन लोगों को उस काम से हटा दिया जाये तो उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस स्थिति को छुपी हुई अथवा प्रच्छन्न जगारी भी कहते हैं। भारत में अपेक्षा थी कि भारत में तीनों ही क्षेत्रकों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और धीरे-धीरे बेरोजगारी समाप्त हो जाएगी परन्तु ऐसा नहीं हो सका। आशानुरूप द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्रक का न तो विकास हुआ और न ही रोजगार के समुचित अवसर सृजित हो सके हैं।

यह एक गम्भीर चिन्ता का विषय है कि भारत में लाखों लोग अल्प बेरोजगार हैं। यह स्थिति सामान्यतः कृषि क्षेत्र में पायी जाती है। इसके अतिरिक्त अल्प बेरोजगारी दूसरे क्षेत्रकों में भी हो सकती है; जैसे-शहरों में सेवा क्षेत्रक में कार्यरत अनियमित श्रमिक। यदि ये लोग अन्य किसी स्थान पर काम कर रहे होते तो उनके द्वारा अर्जित आय से उनकी कुल पारिवारिक आय में वृद्धि होती। इस प्रकार कहा जा सकता है कि हमें अल्प बेरोजगारी के सम्बन्ध में विचार करना चाहिए क्योंकि यह जनसंख्या की आय अर्जित करने की क्षमता कम करती है जिससे निम्न जीवन स्तर एवं निर्धनता जन्म लेती है।

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