हिन्दी ही क्यों ? बांग्ला या तेलुगु क्यों नहीं ?
हिन्दी ही क्यों ? बांग्ला या तेलुगु क्यों नहीं ?
उत्तर: हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा को भारत सरकार ने अपने संविधान में आधिकारिक भाषाएँ घोषित किया है किन्तु सरकार उन राज्यों को जो हिन्दी भाषी नहीं हैं हिन्दी बोलने पर मजबूर नहीं करती है। उन लोगों को अपनी आधिकारिक भाषा चयन करने का अधिकार प्राप्त है। सभी लोग एक-दूसरे की भाषा तथा संस्कृति का सम्मान करते हैं। केन्द्र सरकार की यह नीति संघ के उन राज्यों की इच्छा के अनुसार है, जिन्होंने हिन्दी के साथ अंग्रेजी को भी आधिकारिक भाषा बनाए रखने की माँग की थी।
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