कुछ इतिहासकार ऐसा क्यों मानते हैं कि मुद्रण संस्कृति ने फ्रांसीसी क्रान्ति के लिए जमीन तैयार की ?
कुछ इतिहासकार ऐसा क्यों मानते हैं कि मुद्रण संस्कृति ने फ्रांसीसी क्रान्ति के लिए जमीन तैयार की ?
उत्तर: मुद्रण संस्कृति ने फ्रांसीसी क्रान्ति के लिए जमीन तैयार की। यह निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट है-
1. छपाई के चलते ज्ञानोदय से वॉल्टेयर एवं रूसों जैसे चिन्तकों के विचारों का प्रसार हुआ।
2. सामूहिक रूप से उन्होंने परम्परा, अन्धविश्वास एवं निरंकुशवाद की आलोचना प्रस्तुत की। रीतिरिवाजों के स्थान पर विवेक के शासन पर बल दिया तथा प्रत्येक वस्तु को तर्क व विवेक की कसौटी पर परखने की माँग की।
3. छपाई ने वाद-विवाद की नयी संस्कृति को जन्म दिया जिससे फ्रांस में नये विचारों का सूत्रपात हुआ।
4. कार्टूनों तथा कैरिकेचरों (व्यंग्य चित्रों) में यह भाव उभरता था कि जनता तो मुश्किल में फँसी है जबकि राजशाही भोग-विलास में डूबी हुई है। इस तरह के कार्टूनों के चलन से क्रान्ति से पहले लोगों के मन-मस्तिष्क पर विशेष असर हुआ। इससे राजतन्त्र के विरुद्ध क्रान्ति की ज्वाला भड़क उठी।
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