Ancient History Notes in Hindi
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चालुक्य कालीन संस्कृति
* वातापी के चालुक्य शासकों के संरक्षण में स्थापत्य कला का काफी विकास हुआ.
* इस काल में वातापी पट्टदकल एवं एहोल में कई मंदिरों का निर्माण हुआ.
* एहोल में चालुक्य कालीन 70 मंदिरों के अवशेष मिलते हैं.
* इसलिए एहोल को मंदिरों का नगर भी कहा जाता है.
* चालुक्य शासकों ने मंदिर निर्माण की बेसर शैली का प्रचलन किया.
* बेसर शैली में नगर शैली एवं द्रविड़ शैली दोनों की विशेष सम्मिलित है.
* बेसर शैली को चालुक्य शैली भी कहा जाता है.
* एहोल के प्रसिद्ध मंदिर है-विष्णु मंदिर,सूर्य मंदिर एवं लद्दाख का मंदिर आदि.
* पट्टदकल में लगभग 10 मंदिर है.
* पट्टदकल के 10 मंदिर में चार नागर शैली में बने हैं, जबकि छ: मंदिर द्रविड़ शैली में है.
* पट्टदकल के प्रमुख मंदिर है-पापनाथ मंदिर (शिव भगवान- नागर शैली) विरुपाक्ष मंदिर (द्रविड़ शैली) संगमेश्वर मंदिर (द्रविड़ शैली).
* पट्टदकल का विरुपाक्ष मंदिर चालुक्य काल का सबसे सुंदर मंदिर माना जाता है.
* पर्सी ब्राउन ने विरुपाक्ष मंदिर को भारत में दुर्लभ मंदिरों में से एक माना है.
* विरुपाक्ष मंदिर का निर्माण 740 ई. में वातापी के चालुक्य शासक विक्रमादित्य द्वितीय की रानी ने कराया था.
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