Ancient History Notes in Hindi

Ancient History Notes in Hindi

                            Ancient History Notes in Hindi 

                             चोल कालीन स्थानीय स्वायत्त शासन

* चोल प्रशासन की सबसे बड़ी विशेषता उनका स्थानीय स्वायत शासन (पंचायत व्यवस्था) था.

* चोल कालीन स्थानीय संस्थाओं में राजा को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं था. 

* इसका प्रमाण परान्तक प्रथम के उत्तर मेरु अभिलेख से मिलता है.

* चोल काल में तीन प्रकार की स्थानीय संस्थाओं का उल्लेख मिलता है.

* उर- ग्राम के सामान्य जनों की संस्था थी.

* सभा- सभा ब्राह्मण गांव की संख्या थी.

* सभा के कार्यकारिणी समिति को वारीयम कहा जाता था.

* नगरम- व्यापारियों की संस्था को नगरम कहा जाता था.

* इसके अलावा नाडु की सभा (जिला परिषद) होती थी.

* नाडु के प्रधान को नातार कहा जाता था.              

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