Ancient History Notes in Hindi

Ancient History Notes in Hindi

                          Ancient History Notes in Hindi

  ऋगवैदिक या पूर्ववैदिक कालीन स्थिति 1500 ईसा पूर्व से 1000 ईसा पूर्व तक

* जिस काल के बारे में जानकारी ऋग्वेद से प्राप्त होती है उस काल को ऋगवैदिक काल कहा जाता है.

* ऋगवैदिक काल के निर्माता आर्य थे.

* आर्य का अर्थ होता है श्रेष्ठ या कुलीन.

* आर्य लोग सिंधु घाटी सभ्यता के निर्माता को दास या दसयु के नाम से पुकारते थे.

* आर्यों ने दासों को अपने से हिन दिखाने के लिए उन्हें अकरमण (वैदिक क्रियाओं को न करने वाले)कहा.

* अदेवयुक्त- वैदिक देवताओं को न मानने वाला

* अव्रत- व्रतों को न करने वाला,

* शिष्णदेवा- लिंग की पूजा करने वाला

* वैदिक सभ्यता के निर्माता आर्यों के मूल निवास स्थानों के बारे में विद्वानों के अनेक मत हैं.

* बाल गंगाधर तिलक ने अपने पुस्तक “द आर्कटिक होम ऑफ द आर्यन में आर्यों का मूल निवास स्थान उत्तरी ध्रुव लिखा था.

* आर्यों के मूल निवास स्थानों के बारे में सबसे मान्य मत मैक्स मूलर का है.

* मैक्स मूलर ने अपनी पुस्तक लेक्चरस ऑन द साईंस ऑफ़ लैंग्वेजेज में आर्यों का मूल निवास स्थान मध्य एशिया लिखा है.

* आर्य कहीं बाहर से नहीं आए थे, यह मत आधुनिक शोधकर्ताओं ने दिया है उनका मानना है कि आर्य भारत के मूल निवासी थे.

* आर्य सर्वप्रथम अफगानिस्तान एवं पंजाब के क्षेत्र में बसे हुए थे.

* क्योंकि ऋग्वेद में अफगानिस्तान की चार(4) नदियों कुंभा (काबुल), क्रुमू(कुर्रम), गोमती (गोमल) एवं सुवास्तु (सुवात) आदि का उल्लेख है. तालिबानी यहां पर अपना निवास बनाए हैं.

* इनके अतिरिक्त ऋग्वेद में पंजाब की पांच नदियों का भी उल्लेख मिलता है.

* पंजाब की पांच नदियों का नाम ऋग्वेद में इस प्रकार दिया गया है- वितस्ता (झेलम), सतुद्री (सतलज), बिपाशा (व्यास), पौरुषनी  (रावी), अस्किनी (चिनाव) का उल्लेख है.

* इन नदियों के अलावा सरस्वती एवं सिंधु का भी उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है.

* पंजाब की पांच नदियों एवं सरस्वती एवं सिंधु के साथ सात नदियों के क्षेत्र को सप्त सैंधव प्रदेश कहते हैं.

* आर्य प्रारंभ में सप्त सैंधव क्षेत्र में ही निवास करते थे.

* ऋग्वेद में सरस्वती को सबसे पवित्र नदी माना गया है जबकि सबसे महत्वपूर्ण नदी सिंधु है.

* ऋग्वेद में ही सदानीरा (गंडक) द्वासधोती(घग्घर) का भी नाम मिलता है इनके अतिरिक्त ऋग्वेद में यमुना का तीन बार तथा गंगा का एक बार उल्लेख हुआ है.

* ऋग्वेद में इस प्रकार कुल 25 नदियों का नाम लिखा हुआ है.

* कुछ समय बाद आर्यों का विस्तार पंजाब के अतिरिक्त धीरे-धीरे उत्तर भारत में होने लगा.

* आर्यों ने कुरुक्षेत्र के निकट के स्थानों को ब्रह्मावर्त रखा है.

* उसके बाद आर्य गंगा, जमुना द्वाव में अपना निवास बनाया इस क्षेत्र का नाम उन्होंने ब्रह्माऋषि देश रखा.

* जब आर्यों का विचार संपूर्ण उत्तर भारत में हो गया तो उन्होंने उत्तर भारत का नाम आर्यवर्त रखा है.

* हिमालय पर्वत से विंध्यांचल तक से विंध्य पर्वत तक.

* इंडिया- भारत का नाम इंडिया यूनानीयों के द्वारा दिया गया है.

* यूनानीयों ने इंडिया का नाम (ईड्स नाम) सिंधु नदी के नाम पर रखा है.

* भारत का नाम हिंदुस्तान पारसियों या फारस के लोगों के द्वारा दिया गया है.

* इन्होंने हिंदुस्तान का नाम सिंधु नदी के नाम पर दिया है क्योंकि फारसी भाषा में ‘स’ का उच्चारण ‘ह’ होता है इसलिए सिंधु बराबर हिंदू.

* भारत- भारत नाम आर्यों के भरत कबीले के नाम पर रखा गया है.

* भारतीय संविधान में भारत का दो नाम इंडिया और भारत लिखा गया है.

* आर्यों को हिमालय पर्वत की जानकारी थी क्योंकि ऋग्वेद में हिमालय को एक चोटीमुजवंत का उल्लेख मिलता है.

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