How will the world end twice? (संसार का दो बार कैसे अंत होगा?)

How will the world end twice? (संसार का दो बार कैसे अंत होगा?)

Answer: The poet says that both fire and ice are destructive. Here fire stands for the heat of desire and ice stands for hatred. He thinks that our violent desires will end the world. If it survives, it will be ruined by hatred.

(कवि कहता है कि आग और बर्फ दोनों विध्वंस करने वाली हैं। यहाँ पर अग्नि का अर्थ इच्छाओं की आग से है और बर्फ का अर्थ घृणा है। वे मानते हैं कि हमारी हिंसक इच्छाएँ एक दिन इस संसार को नष्ट कर देंगी। यदि संसार इससे बच गया तो इसे घृणा तबाह कर देगी।)

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