Medieval History Notes in Hindi

Medieval History Notes in Hindi

                             Medieval History Notes in Hindi

             अलाउद्दीन खिलजी का सम्राज्य विस्तार एवं विजय अभियान

* अलाउद्दीन खिलजी को अपने शासन काल के दौरान नुसरत खाँ,  अलप खाँ, उलुग खाँ, जफ्फर खाँ एवं मलीक
काफूर जैसे सेनापतियों का अमूल्य सहयोग प्राप्त हुआ.
* अलाउद्दीन की आकांक्षाये सम्राज्यवादी थी.
* उत्तर भारत के राज्यों के प्रति उसकी नीति राज्यो को पराजीत कर उन्हें दिल्ली सल्तनत के सिधे अधिक बना
कर प्रत्यक्ष रूप से राज्य विस्तार की थी.
* जबकि दक्षिण भारत के राज्यों से अपनी अधीनता स्वीकार कराकर और वार्षिक कड़ लेकर ही वह संतुष्ट रहा.
* 1298 ई. के उत्तरार्ध (लास्ट) मे उलुग खाँ एवं नुसरत खाँ के नेतृत्व में के नेतृत्व में गुजरात पर आक्रमण किया
गया.
* गुजरात के शासक राजा कर्ण ने अहमदाबाद के निकट उनका मुकाबला किया लेकिन राजा कर्ण ने प्रास्त हुआ.
* तथा राजा कर्ण ने अपने पुत्री देवल देवी के साथ भाग कर देवगिरी के शासक राजा रामचन्द्र देव के यहाँ शरण ली।
* देवल देवी, राजारामचन्द्र देव के पुत्र सिंहन देव् की मंगेतर थी.
* तथा राजा कर्ण की पत्नी कमला देवी नुसरत खाँ के हाथ लग गई।
* गुजरात से ही नुसरत खाँ ने एक मेले से मलीक काफूर नामक एक हिजरे को खरिदा.
* मलीक काफूर को 1000 दिनार देकर खरिदा गया इसलिए मलिक काफूर को इतिहास में हजार दिनारी
के नाम से भी जाना जाता है।
* नुसरत खाँ कमला देवी तथा गुजरात से लुटे हुए माल के साथ अलाउद्दीन के समक्ष प्रसर हुआ.
* अलाउद्दीन ने कमला देवी से विवाह कर लिया तथा उसकी उसने मुख्य रानी बन गई.
* 1301 ई. में रणथमभव के शासक हमीर देव को पराजीत किया गया.
* 1303 ई. मे चितौर पर आक्रमण किया गया तथा वहाँ के राजा रतन सिंह को पराजीत किया गया।
* रतन सिंह की पत्नी पदमावती ने जौहरवर्त (अपने से आत्महत्या कर ली) धारण कर ली.
* तथा अलाउद्दीन ने चितौर का नाम अपने पुत्र खिज्र खाँ के नाम पर खिज्रावाद रख दिया।
* इसी रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के प्रेम प्रसंग को पद्मावत पुस्तक मलिक मुहम्मद जायसी
के द्वारा लिखी गई है.
* 1305 ई. मे मालवा के शासक महलक देव को पराजीत किया गया.

                    दक्षिण भारत का विजय 

* अलाउद्दीन खिलजी के समय दक्षिण भारत के चार शक्तिशाली राज्य थे।
         राज्य                          शासक                          राजधानी 
1. देवगिरी (यादव वंश)       राजा रामचन्द्र देव             देवगिरी (दौलतावाद)
2. काकतीय                     प्रतापरूद्र देव द्वितीय           बारंगल
3. होयसल                      वीरवलाल तृतीय                  द्वार समुंद्र 
4. पाण्डे (माबर)             वीर पण्डे एवं दुन्दर पांडे       मदुरा (मदुरै)
* अलाउद्दीन खिलजी का प्रमुख उद्देश्य दक्षिण भारत की सम्पत्ति को लुटना था।
* परंतु अलाउद्दीन इतने से ही संतुष्ट नही था, दक्षिण भारत की राज्यों को अपनी अधीनता में लेने और
वार्षिक कर देने के लिए उन्हें बाध्य करना भी उसका उद्देश्य था.
* जिसके परिणाम स्वरूप उसके प्रतिष्ठा में वृद्धि होती तथा उसे दक्षिण से निरंतर धन की प्राप्ति भी होती.
* अलाउद्दीन खिलजी के समय दक्षिण भारत के विजय का मुख्य श्रय मलिक काफूर को दिया जाता है.
* जो एक गुलाम से नायब के पद पर पहुँच चुका था।
* मलिक काफूर ने दक्षिण भारत के विजय के लिए देवगिरी को अपना केंद्र बनाया.
* 1307 ई० मे मलिक काफूर के नेतृत्व मे देवगिरी के शासक रामचन्द्र देव को पराजीत कर दिल्ली लाया
गया.
* अलाउद्दीन ने रामचन्द्रदेव से संमानपूर्ण व्यवहार किया तथा उसे राय रायण की उपाधि प्राप्त की थी.
* इस आक्रमण के दौरान देवल देवी को  पकड़ कर दिल्ली लाया गया जहाँ खिज्र खाँ से उसे विवाह कर
दिया गया।
* 1310 ई.  में मलिक काफूर ने काकतीय राज्य की राजधानी वारंगल को जीत लिया।
* वहाँ का शासक प्रताप रूद्र देव द्वितीय ने अपनी एक सोने की मूर्ति बनवाकर और उसके गले में सोने
की जंजीर डालकर आत्मसमर्पण स्वरूप मलिक काफूर के पास भेज दी.
* इसी अवसर पर प्रताप रूद्र देव ने मलिक काफूर को विश्व प्रसिद्ध कोहिनुर हिरा भेट किया, जिसे काफूर
ने अलाउद्दीन खिलजी भेंट किया।
* 1311 ई. में काफूर ने होयसल की राजधानी द्वारसमीप को जीत कर वहाँ का शासक विरवलाल तृतीय को
अधीनता स्वीकार करने पर वाध्य कर दिया.
* 1311 ई. में मलिक काफूर पाण्ड्य राज्य की सीमा में प्रवेश किया, इस समय पाण्ड्य राज्य में वीर पाण्ड्य
एवं सुन्दर पाण्ड्य नामक दो भाईयो में उत्तराधिकारी का युद्ध चल रहा था.
* ऐसी स्थिति में मलिक काफूर पाण्ड्य राज्य को अपनी अधीनता स्वीकार करने में असफल रहा.
* लेकिन धन प्राप्ति के दृष्टि से दक्षिण राज्य के विजय अभियानो मे मलिक काफूर का यह सबसे सफल
 अभियान था.
* 1313 ई. में मलिक काफूर को पुनः देवगिरी पर आक्रमण करने के लिए भेजा गया तथा वहाँ का विद्रोही
राजकुमार सिंहन देव (शंकर देव) को मारा दिया गया।
* सल्तनत काल में अलाउद्दीन खलजी के समय मंगोलो के सबसे अधिक आक्रमण हुआ.
* मंगोल आक्रमण का सामना करते हुए अलाउद्दीन खलजी का प्रमुख सेनापति जफर खाँखां मारा गया.
* 1315 ई. तक अलाउद्दीन खलजी का स्वास्थ्य काफी खराब रहने लगा।
* मलिक काफूर ने सुल्तान की मृत्यु को निकट जान कर स्वयं अपनी सत्ता स्थापित करने की कोशिश की.
जबकि 1316 ई. में अलाउद्दीन खलजी की मृत्यु हो गई.
* व्यक्तिगत दृष्टि से अलाउद्दीन का धर्म इस्लाम था। सेख निजामुद्दीन औलिया का वह काफी सम्मान
करता था।
* अशिक्षित होते हुए भी अलाउद्दीन दिल्ली सल्तनत का सफल शासक माना जाता है तथा वह विद्वानो
का सम्मान करता था एवं ललित कलाओं को संरक्षण प्रदान करायें.
* उसके दरवार में कई विद्वान् थे जिनमे अमीर खुसरो तथा अमीर हसन देहलवी जैसे- प्रख्यात विद्वान्
भी शामिल थे.
* अलाउद्दीन ने दिल्ली में सिडि का किला, हजार खम्भा महल एवं कुतुबमीनार के निकट अलायी दरवाजा
का निर्माण कराया.

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