Medieval History Notes in Hindi
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सल्तनत काल की केंद्रीय प्रशासनिक व्यवस्था
* दिल्ली सल्तनत की शासन व्यवस्था एक केंद्रीकृत शासन व्यवस्था थी, सुल्तान प्राय: निरंकुश एवं स्वेछाचारी हुआ करते थे.
* प्रशासन में सुल्तान को सहायता देने के लिए सल्तनत काल में अनेक प्रकार के मंत्री होते थे-
* पहला वजीर- यह प्रधानमंत्री होता था तथा इसके कार्यालय को दीवान-ए-विजारत कहा जाता था.
* दूसरा दीवान-ए-अर्ज या आरीज- यह सैनिक विभाग का प्रधान होता था तथा इसे आरिज-ए-ममालिक या मुमालिक के नाम से भी जाना जाता था.
* तीसरा दीवान-ए-ईसा- यह पत्राचारी विभाग का कार्य देखता था.
* चौथा दीवान-ए- रसालत- यह विदेश विभाग का प्रमुख था.
* पाचवां सद्र-उस-सुदूर तथा दीवान-ए-कजा- यह धार्मिक विभाग एवं न्याय विभाग का प्रमुख होता था.
* छठा वरिद-ए-मुमालिक या ममालिक- यह गुप्तचर विभाग का प्रमुख होता था.
* सातवां मुंसिफ-ए- मुमालिक- यह महालेखाकार होता था.
* आठवां मुस्तौफी-ए-मुमालिक- यह महालेखा परीक्षक होता था.
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