Modern History Notes in Hindi

Modern History Notes in Hindi

                               Modern History Notes in Hindi

                              लार्ड कर्नवालिस 1786-93 ई. तक 

* 1786 ई. मे लार्ड कर्नवालिस बंगाल का गवर्नर जनरल बनकर भारत आया. कर्नवालिस का प्रथम कार्य
जिले की समस्त शक्ति को कलेक्टरो के हाथों में केन्द्रित करना था।
* इसके फलस्वरूप 1987 मे क्लेक्टरों की राजस्व संग्रहण के साथ-साथ दिवानों एवं फौजदारी अधिकारी
भी प्रदान कर दिये.
* 1790-92 ई. के बीच भारतीय न्यायधिशो वाली जिला फौजदारी अदालतों को समाप्त कर उनके स्थान
पर चार भ्रमणशिल न्यायालय जिनमें तीन बंगाल के लिए था तथा एक बिहार के लिए था।
* कर्नवालिस ने अपने न्याय सुधारों को अंतिम रूप दें कर 1793 ई. में कर्नवालिस संहिता का प्रस्तुत किया.
* कर्नवालिस द्वारा क्लेक्टर की न्याय तथा फौजदारी शक्तियाँ वापस ले ली गई तथा उसके पास केवल राजस्व
शक्तियाँ रह गई.
* कर्नवालिस द्वारा चार प्रांतिय न्यायालय कलकत्ता, मुर्शिदावाद, ढाका तथा पटना में स्थापित किये गए. अंतिम
न्यायालय इंग्लैंड स्थित प्रिविकॉसिल था.
* कर्नवालिस द्वारा प्रत्येक जिले को 400 वर्गमील के क्षेत्र में विभाजित कर दिया गया तथा वहाँ एक थाना की
व्यवस्था कर दी गई तथा प्रत्येक थाने में दरारोगा की नियुक्ति कर दी गई। तथा जिलास्तर पर एसपी की
नियुक्ति की गई।
* 1793 ई. में कर्नवालिस ने बंगाल में स्थाई बंदोवस्त प्रणाली की शुरुआत की इस व्यवस्था के तहत जमींदारो
तथा उनके उत्तराधिकारियों को शास्वत रूप से कर उगाहने की शक्ति दे दी गई।
* जिसके तहत भूमि के लगान का 8/9 भाग  या 10/11 भाग ब्रिटीश कंपनी को देना था तथा 1/9 भाग
या 1/11 भाग जमीदारो का हिस्सा होता था।
* लेकिन जमीदार समय पर कंपनी को कड़ न चुकाते तो उनकी जमीदारी छिनी भी जा सकती थी।
* लार्ड कर्नवालिस को भारत में नागरिक सेवा का जन्मदाता माना जाता है.

                     सर जॉन शोर (1793-98 ई.)

* सर जॉन शोर के शासन काल में भारत राजनीति मे कोई छेड़-छाड़ नही किया गया सारी व्यवस्थाएँ
पूर्वत: बनी रही इसलिए सरजॉनशोर के शासन काल को भारतीय इतिहास में अहस्तक्षेप की नीति के
नाम से जाना जाता है

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