Modern History Notes in Hindi

Modern History Notes in Hindi

                             Modern History Notes in Hindi

                     मैसूर का उत्थान – हैदर अल्ली तथा टिपु सुल्तान 

* वीर योद्धा हैदर अल्ली का जन्म 1727 ई. में हुआ था उसने अपना जीवन एक घुरसवार सैनिक के
रूप में शुरू किया था तथा 1761 ई. में वह मैसूर का  वास्तविक शासक बन बैठा.
* इसने फ्रांसिसियों की सहायता से डिंडिगुल में एक शास्त्रागार स्थापित कराया।

                  प्रथम आंग्ल मैसूर युद्ध- (1767 – 1769 ई. तक)

* कर्नल स्मिथ के शासन काल में हैदर अल्ली ने हैदरावाद के नीजाम तथा अंग्रेजी सेना को संयुक्त रूप
से माद दी तथा 4 अप्रैल 1769 ई. को मद्रास की संधि द्वारा इस युद्ध की समाप्ति हुई.

                 द्वितीय आंग्ल मैसूर युद्ध- (1780 – 1784 ई. तक)

* वारेन्हेस्टिंग के शासन काल में इस युद्ध में हैदर अल्ली ने कर्नाटक पर आक्रमण कर अंग्रेजी सेना को
हराया परंतु 1781 ई. मे पोर्टो के युद्ध में अंग्रेजो ने हैदर अल्ली को प्रास्त कर दिया.
* परंतु पुन: 1782 ई. मे हैदर अल्ली ने कर्नल ब्रेथवेट की सेना को बुरी तरह पराजीत कर उसे बंदी बना लिया.
* परंतु 7 दिसंबर 1782 ई. को हैदर अल्ली की मृत्यु हो गई तथा अब आगे का कार्य उसके बेटे टीपू ने संभाला.
* मार्च 1784 ई. मे दोनों पक्षों मे मंगलोर की संधि के तहत इस युद्ध की समाप्ति हुई।

                तृतीय आंग्ल मैसूर युद्ध- (1790 – 1792 ई. तक)

* यह युद्ध लौर्डकर्नवालिस के शासनकाल में लाड़ा गया, इस युद्ध मे टीपू ने तुर्की से सहायता प्राप्त
करने का प्रयत्न किया।
* तथा 1784-1785 ई. मे एक राजदूत को कुस्तुंतुनियाँ भेजा तथा 1787 ई० मे एक दूतमंडल उसने
फ्रांस भी भेजा।
* अंग्रेजों ने हैदरावाद के निजाम तथा मराठो की सहायता से टीपू का युद्ध जारी रखना मुश्किल कर दिया।
* फलतः 1792 ई. मे श्रीरंगपट्टनम की संधि के द्वारा इस युद्ध की समाप्ति हुई.

                चतुर्थ आंग्ल मैसूर युद्ध-1799 ई.

* लार्ड ब्लेजली के शासनकाल में 1799 ई. मे इस युद्ध का प्रारंभ हुआ।
* 14 नबंबर 1799 ई. को अंग्रेजी, सेना श्रीरंगपट्टनम के दुर्ग को जीतने में सफल रहे तथा टीपू
लड़ते-लड़ते बीर गति को प्राप्त हुआ.
* वाडियार वंश के एक बालक को मैसूर का शाषक बना कर उस पर एक सहायक संधि ठोक
दिया।
* टीपू सुल्तान का जन्म 20 नवम्बर 1750 ई. को हुआ था इसकी माता का नाम फातीमा था तथा
इसके पिता का नाम हैदरअल्ली था।
* टीपु ने फ्रांस से माँगवाकर स्वतंत्रता का वृक्ष श्रीरंगपट्टनम मे लगवाया था तथा फ्रांस के जैकोबीनक्ल्ब
का वह सदस्य बना तथा वह स्वयं को नागरिक टीपू कहता था।
* 1787 ई. मे. टीपु ने सुल्तान की उपाधि धारण की तथा अपने नाम के सिक्के चलाए।
* इसने एक नये पंचाग की शुरुआत की तथा महीनो के हिन्दी नामो के स्थान पर अरवी नामो का
प्रयोग किया।
* जब 1791 ई. मे मराठा आक्रमण के कारण श्रृंगेरी मंदिर का एक भाग टूट गया तो श्रृंगेरी के मुख्य
पुरोहित की प्रार्थना पर टीपु ने मंदिर के मरम्मत के लिए तथा सारदादेवी की मुर्ति की स्थापना के
लिए धन दिया.
* टिपु सुल्तान ने श्रीरंगपट्टनम के दुर्ग में स्थित श्रृरंगनाथ नर्सिह अथवा गंगाधरेश्वर के मंदिरों के पूजा
में कभी हस्तक्षेप नही किया।
* टीपू सुल्तान- मै अंग्रेजों के स्थल साधनों को समाप्त कर सकता हूँ परंतु उनके समुद्र को नहीं सुखा सकता हूँ।
*विल्क्स :- “हैदर राज्य बनाने के लिए जन्मा तथा टीपु उसे खोने के लिए”.

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