Modern History Notes in Hindi
Modern History Notes in Hindi
Modern History Notes in Hindi
लॉर्ड डलहौजी 1848 से 1856 ई. तक
लॉर्ड डलहौजी का साम्राज्य विस्तार-
* दूसरे सिख आंग्ल युद्ध 1848 से 1849 ई. के पश्चात पंजाब का अंग्रेजी साम्राज्य में विलय कर लिया गया.
* 1850 ई. में सिक्किम के राजा को सिक्किम की तराई तथा तीस्ता नदी के नीचे के भागों को छोर देने पर वाध्य किया गया.
* लॉर्ड डलहौजी के समय में द्वितीय आंग्ल बर्मा युद्ध 1852 ई. में हुआ.
* जिसके पश्चात लोअर बर्मा अर्थात पिंगु का प्रदेश प्राप्त कर लिया गया.
* 1853 ई. में लॉर्ड डलहौजी ने हैदराबाद के निजाम को एक संधि करने पर बाध्य किया तथा उससे बरार को छीन लिया.
* लॉर्ड डलहौजी ने ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार के लिए एक नई नीति अपनाया, जिसे इतिहास में हड़प नीति या व्यपगत का सिद्धांत (डॉक्ट्रिन ऑफ़ लेप्स) के नाम से जाना जाता है.
* इस हड़प नीति के तहत सबसे पहले 1848 ई. में सातारा राज्य का ब्रिटिश सम्राज्य में विलय किया गया.
* तथा इसके पश्चात क्रमश: 1849 ई. में जैतपुर तथा संभलपुर, 1850 ई. में बघाट, 1852 ई. में उदयपुर, 1853 ई. में झांसी तथा सबसे अंत में 1854 ई. में हड़पनीति के तहत नागपुर राज्य का अंग्रेजी साम्राज्य में विलय कर लिया.
* 1856 ई. में लॉर्ड डलहौजी ने अवध के नवाब वाजिदअल्ली शाह पर कुशासन का आरोप लगाकर अवध राज्य का भी अंग्रेजी साम्राज्य में विलय कर लिया जो डलहौजी का सबसे घृणित कार्य माना जाता है.
लॉर्ड डलहौजी के सुधार-
* लॉर्ड डलहौजी ने गवर्नर जनरल के कार्य-भार को कम करने के उद्देश्य से बंगाल में एक लेफ्टिडेट गवर्नर नियुक्त किया.
* जो नए प्रदेश लॉर्ड डलहौजी के समय ब्रिटिश कंपनी के अधीन आए थे उनके लिए सीधा प्रशासन आरंभ किया गया.
* इसको नंन रेगुलेशन पद्धति कहा जाता है, इसके अनुसार प्रत्येक नए प्रदेश के लिए एक कमिश्नर नियुक्त किया जाता था, जो सीधे गवर्नर जनरल के प्रति उत्तरदायित्व होता था.
* लॉर्ड डलहौजी के समय में बंगाल तोपखाने का मुख्य कार्यालय कोलकाता के स्थान पर मेरठ लाया गया और सेना का मुख्य कार्यालय शिमला में बना दिया गया.
* शिमला का महत्व इससे बढ़ गया और वर्ष के आधे से अधिक समय (ग्रीष्म काल) के लिए यह स्थान सरकार का मुख्य कार्यालय (राजधानी) बन गया.
* जुलाई 1854 ई. में सर चार्ल्स उड जो बोर्ड ऑफ कंट्रोल के प्रधान थे, ने भारत सरकार को शिक्षा की एक नई योजना भेजी जिसे उड का निर्देश पत्र कहा जाता था.
* इसके अनुसार प्राथमिक शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय स्तर के लिए एक व्यापक योजना बनाई गई.
* इसके अनुसार जिलों में एंग्लो वर्नाक्यूलर स्कुलो, प्रमुख नगरों में सरकारी कॉलेजों और तीनों प्रेसीडेंसी नगरों में एक-एक विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव था.
* आधुनिक शिक्षा प्रणाली की यही आधार सीमा बनी, इसलिए उड डिस्पैच को भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा कहा जाता है.
* डलहौजी के काल में भारत में 1853 ई. में प्रथम रेलवे लाइन मुंबई से ठाणे (34 किलोमीटर) के बीच बिछाई गई थी.
* यह रेलवे लाइन भारत सरकार के कोष से नहीं बनाई जा रही थी बल्कि इनका निर्माण निजी प्रयासों के फलस्वरूप किया जा रहा था.
* 1865 ई. में सर एडविन और्नौल्ड ने लिखा था- “रेलवे भारत में वह कार्य करने में समर्थ होगी जो बड़े-बड़े वंशो ने नहीं किया न ही टिपु अपने अत्याचार द्वारा करने में सफल रहा-यह भारत को एक राष्ट्र बना देगी”.
* लॉर्ड डलहौजी को भारत में विद्युत तार का प्रारंभकर्ता कहा जाता है.
* 1852 ई. में ओसैघनेसी को विद्युत तार का अधीक्षक नियुक्त किया गया.
* आधुनिक काल की डाक व्यवस्था का आधार लॉर्ड डलहौजी ने रखा.
* लॉर्ड डलहौजी के समय में 1854 ई. में पोस्ट ऑफिस एक्ट अधिनियम पारित किया गया जिसके अधीन तीनों प्रेसिडेंसी नगरों में डाकघरों की देखरेख के लिए महानिदेशक नियुक्त किए गए.
* सारे देश में कहीं भी दो पैसे की दर पर पत्र भेजा जा सकता था,फलत: डाक टिकट का प्रारंभकर्ता लॉर्ड डलहौजी को ही माना जाता है.
* लॉर्ड डलहौजी के काल में गंगा नहर का कार्य पूरा किया गया तथा 8 अप्रैल 1854 ई. को इसे सिंचाई के लिए खोल दिया गया.
* लॉर्ड डलहौजी के काल में भारतीय बंदरगाहों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार (वरिजिक) के लिए खोल दिया गया.
* कराची, मुंबई तथा कोलकाता के बंदरगाह का विकास किया गया तथा वहां प्रकाश स्तंभ (लाइट हाउस) का निर्माण किया गया.
* लॉर्ड डलहौजी के काल में ही भारत में पहली बार सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्थापना की गई ताकि सार्वजनिक कार्यों का बढ़ावा दिया जा सके.
* लॉर्ड डलहौजी के काल में 1853 ई. में लोक सेवा विभाग की स्थापना की गई.
Amazon Today Best Offer… all product 25 % Discount…Click Now>>>>