Modern History Notes in Hindi
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Modern History Notes in Hindi
सुभाष चंद्र बोस 1897 ई. से 1945 ई. तक
* सुभाष चंद्र बोस का जन्म 1897 ई. में कटक में हुआ था.
* सुभाष चंद्र बोस के राजनीतिक गुरु चितरंजन दास थे.
* 1924 ई. में जब सी. आर. दास कोलकाता के महापौर बने तो सुभाष चंद्र बोस को उन्होंने कोलकाता नगर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में C.E.O. नियुक्त किया गया.
* 1924 ई. में सुभाष चंद्र बोस को राजनीतिक गतिविधियों के लिए बंदी बनाकर ब्रिटिश सरकार ने 3 वर्ष के लिए उन्हें मांडले जेल (म्यांमार) भेज दिया गया.
* सुभाष चंद्र बोस 1938 ई. में हरिपुर (गुजरात) तथा 1939 ई. त्रिपुरी (M.P.) कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष चुने गए.
* त्रिपुरी कांग्रेस अधिवेशन में सुभाष चंद्र बोस, गांधीजी के विरोध के बावजूद वे कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे.
* गांधी जी ने अपने तरफ से पट्टाभीसीतारामय्या को इस अधिवेशन की अध्यक्षता के लिए उम्मीदवार बनाया था.
* गांधीजी के विरोध के कारण सुभाष चंद्र बोस ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
* तथा 1939 ई. में कोलकाता में फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना कर दी.
* सुभाष चंद्र बोस की जगह डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को कांग्रेस का अध्यक्ष चुन लिया गया.
* गांधी जी ने खा-” पट्टाभीसीतारामय्या की हार मेरी हार है.
* 1939 ई. में द्वितीय विश्व युद्ध के आरंभ होने पर सुभाष चंद्र बोस को कोलकाता में उनके ही घर में उन्हें नजरबंद कर दिया गया.
* 1941 ई. में सुभाष चंद्र बोस पुलिस की नजरों से बचते हुए जियाउद्दीन नाम से काबुल पहुंचे.
* तथा काबुल से ऑरलैंडो मैसोटा नामक इटालियन नाम धारण कर वर्लीन पहुंचे.
* जहां उन्होंने हिटलर द्वारा ही सुभाष चंद्र बोस को नेताजी नामक उपाधि प्राप्त हुई थी.
* 1943 ई. में सुभाष चंद्र बोस वर्लीन से सिंगापुर पहुंचे जहां उन्होंने आजाद हिंद फौज, भारतीय स्वतंत्रता लिंग या भारतीय राष्ट्रीय सेना (इंडियन नेशनल आर्मी) का गठन किया.
* 21 अक्टूबर 1943 ई. को सिंगापुर में सुभाष चंद्र बोस ने I.N.A. के माध्यम से भारत की अस्थाई सरकार की स्थापना की.
* भारतीय राष्ट्रीय सेना को सुभाष चंद्र बोस ने “दिल्ली चलो” का नारा दिया यहीं पर कहे थे- “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा”.
* आजाद हिंद फौज ने जापान की सहायता से 1944 ई. में भारत पर आक्रमण करना शुरू कर दिया.
* तथा मई 1944 ई. तक कोहिमा में झंडा गाड़ दिया, लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान की हार से (आई. एन. ए.) को पीछे हटना पड़ा.
* भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तीन अफसरों मेजर शाहनवाज, कर्नल दिल्लो एवं कर्नल सहगल पर देशद्रोह का अभियोग (केश) चलाया गया.
* तथा दिल्ली के लाल किले में सैनिक न्यायालय में अभियोग की सुनवाई की गई.
* भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इन तीनो के रिहाई के लिए एक भारतीय राष्ट्रीय सैनिक रक्षा समिति गठन किया.
* जिसमें भूलाभाई देसाई के नेतृत्व में तेज बहादुर सप्रू जे.एल. नेहरू तथा अरुणा आसफ अल्ली जैसे वकीलों ने अभियुक्तों के तरफ से पैरवी की.
* दिल्ली के लाल किला में हुआ था सुनवाई.
* न्यायालय द्वारा अभियुक्त को दोषी पाते हुए भी जनता की भावना को देखते हुए तीनों जवानों को बाइज्जत बरी करना पड़ा.
* 1922 ई. में गांधी जी द्वारा असहयोग आंदोलन वापस लेने पर सुभाष चंद्र बोस ने इसे “देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य कहा”.
* 1931 ई. में सविनय अवज्ञा आंदोलन को वापस लेने पर सुभाष चंद्र बोस ने इसे “असफलता की स्वीकृति मानी”.
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