Upsc gk notes in hindi-2
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* यूएनईपी द्वारा समर्थित ‘कॉमन कार्बन मेट्रिक को किसलिए विकसित किया गया है ?
(A) सम्पूर्ण विश्व में निर्माण कार्यों के कार्बन पदचिह्न का आकलन करने के लिए
(B) कार्बन उत्सर्जन व्यापार में विश्वभर वाणिज्यिक कृषि संस्थाओं के प्रवेश हेतु अधिकार देने के लिए
(C) सरकारों को अपने देशों द्वारा किए गए समग्र कार्बन पदचिह्न के आकलन हेतु अधिकार देने के लिए
(D) किसी इकाई समय (यूनिट टाइम) में विश्व में जीवाश्मी ईंधनों के उपयोग से उत्पन्न होने वाले समग्र कार्बन
पदचिह्न के आकलन के लिए
NOTES- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा समर्थित कॉमन कार्बन मैट्रिक को सम्पूर्ण विश्व में निर्माण
कार्य के कार्बन फुटप्रिंट के आकलन विकसित किया गया है.
* मुरैना के समीप स्थित चौसठ योगिनी मंदिर के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. यह कच्छपेचात राजवंश शासनकाल में निर्मित एक वृत्ताकार मंदिर है
2. यह भारत में निर्मित एकमात्र वृत्ताकार मंदिर है
3. इसका उद्देश्य इस क्षेत्र में व पूजा-पद्धति को प्रोत्साहन देना था
4. इसके डिजाइन से यह लोकप्रिय धारणा बनी कि यह भारतीय संसद भवन के लिए प्रेरणा स्रोत रहा था
उपर्युक्त कथनों में से कौनसा सही है-
(A) 1 और 2
(B) केवल 2 और 3
(C) 1 और 4
(D) 2, 3 और 4
NOTES- चौसठ योगिनी मन्दिर ग्वालियर से 40 किलोमीटर (25 मील) में मुरैना जिले के पडावली के पास
मितावली गाँव में है. 1323 ईस्वी पूर्व के एक शिलालेख के अनुसार (विक्रम संवत् 1383) मन्दिर
कच्छप राजा देवपाल द्वारा बनाया गया था. चौसठ योगिनी मन्दिर, मुरैना, जिसे एकट्टसो महादेव
मन्दिर भी कहा जाता है, लगभग सौ फीट ऊँची एक अलग पहाड़ी के ऊपर खड़ा है, यह गोलाकार
मन्दिर है. भारत में गोलाकार मन्दिरों की संख्या बहुत कम है यह उन मन्दिरों में से, एक है यह एक
योगिनी मन्दिर है, जो चौंसठ योगिनियों को समर्पित है. यह बाहरी रूप से 170 फीट की त्रिज्या के
साथ आकार में गोलाकार है और इसके आन्तरिक भाग के भीतर 64 छोटे कक्ष हैं. मुख्य केन्द्रीय
मन्दिर में स्लैब के आवरण हैं, जो एक बड़े भूमिगत भण्डारण के लिए वर्षा जल को संचित करने के
लिए उनमें छिद्र हैं छत से पाइप लाइन बारिश के पानी को स्टोरेज तक ले जाती है. मन्दिर की
सरचना इस प्रकार है कि इस पर कई भूकम्प के झटके झेलने के बाद भी यह मन्दिर सुरक्षित है
यह भूकम्पीय क्षेत्र तीन में है. कई जिज्ञासु आगंतुकों ने इस मन्दिर की तुलना भारतीय संसद भवन
(संसद भवन) से की है, क्योंकि दोनों ही शैली में गोलाकार है कई लोगों ने निष्कर्ष निकाला है कि
यह मन्दिर संसद भवन के पीछे का प्रेरणास्रोत था
* निम्नलिखित में से कौनसा प्राचीन नगर अपने उन्नत जल संचयन और प्रबंधन प्रणाली के लिए सुप्रसिद्ध है, जहाँ बांधों की श्रृंखला का निर्माण किया गया था और सम्बद्ध जलाशयों में नहर के माध्यम •से जल को प्रवाहित किया जाता था ?
(A) धौलावीरा
(B) कालीबंगा
(C) राखीगढ़ी
(D) रोपड़
NOTES- धौलावीरा नामक स्थल गुजरात के कच्छ जिले के भचाऊ तालुका में मासर एवं मानहर नदियों के संगम पर
स्थित है, यह सिन्धु सभ्यता का एक प्राचीन और विशाल नगर था. इसकी खोज जगतपत्ति जोशी ने 1967-68
में की, लेकिन इसका विस्तृत उत्खनन 1990-91 में रवीन्द्र सिंह बिस्ट ने किया वह स्थल अपनी अद्भुत नगर
योजना, दुर्भाच प्राचीर तथा अतिविशिष्ट जल प्रबंधन व्यवस्था के कारण सिन्धु सभ्यता का एक अनूठा नगर था
धौलावीरा सिन्धु सभ्यता का सबसे सुन्दर नगर है, जल संग्रहण के प्राचीनतम साक्ष्य मिले हैं तथा अच्छी जल
प्रबंधन की प्रणाली भी यहीं से मिली है. इस हड़प्पाकालीन शहर धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची
में (2021 चीन में सम्पन्न यूनेस्को की ऑनलाइन बैठक में) शामिल किया गया है, यह भारत का 40वाँ विश्व
धरोहर स्थल है.
* सत्रहवीं शताब्दी के पहले चतुर्थाश में, निम्नलिखित में से कहाँ इंग्लिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी का कारखाना के कारखाने स्थित था / थे ?
1 भरूच
2. चिकाकोल
3. त्रिचिनोपोली
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(A) केवल 1
(B) 1 और 2
(C) केवल 3
(D) 2 और 3
NOTES- 1623 तक, इंगलिश ईस्ट इंडिया कम्पनी ने सूरत, भड़ौच, अहमदाबाद, आगरा और मसूलीपट्टम में
कारखाने स्थापित कर लिए थे
* गुप्त वंश के पतन को लेकर आरम्भिक सातवीं शताब्दी में हर्षवर्धन के उत्थान तक उत्तर भारत में निम्नलिखित में से किन राज्यों का शासन का था ?
1. मगध के गुप्त
2. मालवा के परमार
3. थानेसर के पुष्यभूति
4. कन्नौज के मौखरि
5. देवगिरि के यादव
6. वल्लभी के मैत्रक
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(A) 1, 2 और 5
(B) 1,3,4 और 6
(C) 2, 3 और 4
(D) 5 और 6
NOTES- परवर्ती गुप्त वंश ने 6वीं और 7वीं शताब्दी ईस्वी के बीच पूर्वी भारत में मगध क्षेत्र पर शासन किया.
परवर्ती गुप्त शासक मगध के शासकों के रूप में गुप्तों के उत्तराधिकारी बने, तो सही है. 11 वीं सदी
में कन्नौज के प्रतिहार साम्राज्य के खंडहरों पर मालवा के परमारों का उदय हुआ अतः कथन 2 गलत
है. उत्तर भारत में छठी शताब्दी में गुप्त साम्राज्य (तीसरी से छठी शताब्दी) के पतन के बाद मौखरी
1554 सीई-606 सीई) एक शक्ति के रूप में उभरा तो तीसरा सही है.
* पुर्तगाली लेखक नूनिज़ के अनुसार, विजयनगर साम्राज्य में महिलाएं निम्नलिखित में से किन क्षेत्रों में निपुण थीं ?
1. कुश्ती
2. ज्योतिषशास्त्र
3. लेखाकरण
4. भविष्यवाणी
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(A) केवल 1, 2 और 3
(B) केवल 1, 3 और 4
(C) केवल 2 और 4
(D) 1, 2, 3 और 4
NOTES- फेरनाओ नूनिज- पुर्तगाली यात्री नूनिज 1530 ई. के लगभग भारत आया था. वह पेइज के बीस वर्ष बाद
भारत आया था. विजयनगर साम्राज्य के इतिहास के लिए इन दोनों पुर्तगाली यात्रियों का विवरण अत्यन्त
महत्वपूर्ण स्रोत है,
दक्षिण भारत की जनता की आर्थिक स्थिति पर दुनिज ने पर्याप्त प्रकाश डाला है. राजधानी, कर
व्यवस्था, न्याय व्यवस्था, कला एवं संगीत का उसने वर्णन किया है. तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक प्रणाली
का भी उसने विवरण दिया है. उसने पुर्तगालियों तथा राय के मध्य सम्बन्धों का वर्णन किया है. राय के सैनिक
संगठन, शिविर जीवन आदि का भी उसने विस्तृत विवरण दिया है नूनिज के विवरण का ध्यापक प्रयोग सेबेल
ने ए फारगेटन एम्पायर में किया है.
* आंध्रप्रदेश में मदनपत्थी के संदर्भ मे निम्नलिखित में से कोनसा कथन सही है ?
(A) पिंगली वेंकैयाने यहाँ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरने का डिजाइन किया
(B) पहाभि सीतारमैया ने यहीं से आंध्र क्षेत्र में भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया
(C) रबीन्द्रनाथ टैगोर ने यहाँ राष्ट्रगान का बांग्ला से अंग्रेजी में अनुवाद किया
(D) मैडम ब्लावत्स्की तथा कर्नल ऑलकाट में सबसे पहले यहाँ थियोसोफिकल सोसाइटी का मुख्यालय स्थापित किया
‘
‘NOTES- रवीन्द्रनाथ टैगोर ने बगाली से अंग्रेजी में ‘जन गण मन’ का अनुवाद किया और इसे मदनपल्ली में संगीत
में भी स्थापित किया राष्ट्रीय गान 1911 में रबीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था और उसे 27 दिसम्बर, 2011 को
कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में गाया गया लेकिन धुन वास्तव में बेसेंट
थियोसोफिकल कॉलेज मदनपल्ली में तैयार की गई थी, जहाँ टैगोर फरवरी 1919 में कुछ दिनों तक
रहे थे, यह शिक्षाविद् डॉ जेम्स हेनरी कजिन्स की पत्नी मार्गरेट कजिन, जिन्होंने “जन गण मन” के लिए
धुन बनाई थी. डॉ. जे एच. कजिन्स मदनपल्ली कॉलेज के प्रिंसिपल थे. इस कॉलेज के व्यवस्थापक डॉ.
एनी बेसेंट थी.
* निम्नलिखित कीजिएकथनों पर विचार-
1. इल्तुतमिश के शासनकाल में, चंगेज खान भगोड़े ख्वारिज्म युवराज की खोज में सिंधु नदी तक पहुंचा था
2. मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में तैमूर ने मुल्तान पर अधिकार किया था और सिंधु नदी पार की थी
3. विजयनगर साम्राज्य के देव राय द्वितीय के शासनकाल में वास्को द गामा केरल के तट पर पहुँच था.
उपर्युक्त कथनों में से कौनसा / कौनसे सही है/हैं ?
(A) केवल 1
(C) केवल 3
(B) 1 और 2
(D) 2 और 3
NOTES- चंगेज खान ने गजनी और पेशावर पर अधिकार कर लिया तथा ख्वारिज्म वंश के शासक अलाउद्दीन
मुहम्मद को कैस्पियन सागर की ओर खदेड दिया जहाँ 1220 में उसकी मृत्यु हो गई उसका उत्तराधिकारी
जलालुद्दीन मंगवर्नी हुआ, जो मंगोलों के आक्रमण से भयभीत होकर गजनी चला गया. चंगेज खान ने उसका
पीछा किया और सिन्धु नदी के तट पर उसको हरा दिया. जलालुद्दीन सिन्धु नदी को पार कर भारत आ गया
जहाँ उसने दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश से सहायता की फरियाद रखी, लेकिन इल्तुतमिश ने शक्तिशाली
चंगेज खान के भय से उसको सहायता देने से इंकार कर दिया.
* निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. संत फ्रांसिस जेवियर, जेसुइट संघ (ऑर्डर) के संस्थापक सदस्यों में से एक थे
2 संत फ्रांसिस जेवियर की मृत्यु गोवा में हुई तथा यहाँ उन्हें समर्पित एक गिरजाघर है
3. गोवा में प्रति वर्ष संत फ्रांसिस जेवियर के भोज का अनुष्ठान किया जाता है
उपर्युक्त कथनों में से कौनसा सही है-
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल और 3
(D) 1, 2 और 3
NOTES- संत फ्रांसिस जेवियर की मृत्यु 3 दिसम्बर 1552 को चीन में हुई थी.
* प्राचीन भारत के इतिहास के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौनसा/ कौनसे सही है/हैं?
1. मिताक्षरा ऊंची जाति की सिविल विधि थी और दायभाग निम्न जाति की सिविल विधि थी.
2. मिताक्षरा व्यवस्था में पुत्र अपने पिता के जीवनकाल में ही सम्पत्ति पर अधिकार का दावा
कर सकते थे जबकि दायभाग व्यवस्था में पिता की मृत्यु के उपरांत ही पुत्र सम्पत्ति पर
अधिकार का दावा कर सकते थे.
3. मिताक्षरा व्यवस्था किसी परिवार के केवल पुरुष सदस्यों के सम्पत्ति सम्बन्धी मामलों पर
विचार करती है, जबकि दायभाग व्यवस्था किसी परिवार के पुरुष एवं महिला सदस्यों दोनों
के संपत्ति सम्बन्धी मामलों पर विचार करती है.
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(A) 1 और 2
(B) केवल 2
(C) 1 और 3
(D) केवल 3
NOTES- मिताक्षरा याज्ञवल्क्य स्मृति पर विज्ञानेश्वर की टीका है, जिसकी रचना 11वीं शताब्दी में हुई यह ग्रन्थ
‘जन्मना उत्तराधिकार’ (Inheritance by birth) के सिद्धान्त के लिए प्रसिद्ध है हिन्दू उत्तराधिकार
सम्बन्धी भारतीय कानून को लागू करने के लिए मुख्य रूप से दो मान्यताओं को माना जाता है- पहला
है दायभाग मत, जो बंगाल और असम में लागू है. दूसरा है मिताक्षरा, जो शेष भारत में मान्य है मिताक्षरा
के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को जन्म से ही अपने पिता की संयुक्त परिवार सम्पत्ति में हिस्सेदारी हासिल हो
जाती है. इसमें 2005 में कानून में हुए संशोधन के बाद लड़कियों को भी शामिल किया गया. मिताक्षरा विधि
की शाखा पाँच उप-शाखाओं में विभाजित है. दत्तकग्रहण तथा दाय सम्बन्ध में परस्पर मतभेद होने के कारण
इन उपशाखाओं की उत्पत्ति हुई ये सभी उपशाखाएं मिताक्षरा को ही सर्वोपरि प्रमाण मानते हैं, परन्तु कुछ
परिस्थितियों में मतभेद होने पर किसी मूल भाष्य या ग्रंथ विशेष को प्राथमिकता देते हैं.
* प्राचीन भारत के इतिहास के संदर्भ में, भवभूति हस्तिमल्ल तथा क्षेमेश्वर क्यों प्रसिद्ध थे ?
(A) जैन साधु
(B) नाटककार
(C) मंदिर वास्तुकार
(D) दार्शनिक
NOTES- भवभूति, संस्कृत के महान् कवि एवं सर्वश्रेष्ठ नाटककार थे भवभूति की तीन रचनाएं उपलब्ध है ये तीनों
रूपक हैं जिनमें प्रथम मालती माधव एक प्रकरण है, इसमें मालती और माधव नामक दो प्रेमियों की कथा
निबद्ध है दूसरा महावीर चरित मोटक है जिसमें राम के प्रारम्भिक जीवन लेकर राज्याभिषेक तक की कथा
चित्रित की गई है बेगेन्दर (1025-1066) संस्कृत के प्रतिभा सम्पन्न कश्मीरी कवि एवं नाटककारे थे उन्होंने
प्राचीन महत्वपूर्ण महाकाव्यों के कथानकों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया रामायणमज्जरी, भारतमज्जरी
तथा बृहत्कथागंजरी ये तीनों ही क्रमशः रामायण, महाभारत तथा बृहत्कथा के अत्यंत रोचक तथा सरस संक्षेप
है.
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