Upsc gk notes in hindi-6
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* भारत के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. न्यायिक हिरासत का अर्थ है कि अभियुक्त सम्बन्धित मजिस्ट्रेट की हिरासत में है और ऐसे अभियुक्त को पुलिस
स्टेशन के हवालात में रखा जाता है न कि जेल में.
2. न्यायिक हिरासत के दौरान मामले के प्रभारी पुलिस अधिकारी, न्यायालय की अनुमति के बिना संदिग्ध व्यक्ति से
पूछताछ नहीं कर सकते.
उपर्युक्त कथनों में से कौनसा / कौनसे सही है/हैं ?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2
नोट्स- पुलिस कस्टडी का मतलब है कि पुलिस के पास आरोपी की शारीरिक हिरासत है जबकि न्यायिक हिरासत का
मतलब है कि आरोपी सम्बन्धित मजिस्ट्रेट की हिरासत में होता है पूर्व में आरोपी थाने के लॉकअप में बंद होता है,
जबकि बाद में यह जेल में बंद होता है. जब पुलिस किसी व्यक्ति को हिरासत में लेती है, तो गिरफ्तारी के 24 घंटे
के भीतर उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाता है. न्यायिक हिरासत के दौरान, मामले के प्रभारी पुलिस अधिकारी
को संदिग्ध से पूछताछ करने की अनुमति नहीं है. हालांकि, अदालत के सामने पेश किए गए तथ्यों के तहत् पूछताछ
आवश्यक होने पर अदालत पूछताछ करने की अनुमति दे सकती है.
* भारत के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. जब एक कैदी पर्याप्त आधार प्रस्तुत करता है तो ऐसे कैदी को पैरोल मना नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह उसके
अधिकार का मामला बन जाता है.
2. कैदी को पैरोल पर छोड़ने के लिए राज्य सरकारों के अपने नियम हैं. उपर्युक्त कथनों में से कौनसा / कौनसे सही
है/हैं ?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2
नोट्स- पैरोल एक गिरफ्तार व्यक्ति को, उसकी सजा पूरी होने से पहले रिहा करने का प्रावधान है, जो कुछ शर्तों के लिए
सहमति देता है पैरोल को अनुग्रह के कार्य के रूप में लिया जाता है न कि अधिकार के रूप में अलग-अलग राज्यों
में पैरोल के अपने-अपने नियम है.
* राष्ट्रीय स्तर पर अनुसूचित जनजाति और अन्य पारम्परिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कौनसा मंत्रालय केन्द्रक अभिकरण (नोडल एजेंसी) है ?
(A) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
(B) पंचायती राज मंत्रालय
(C) ग्रामीण विकास मंत्रालय
(D) जनजातीय कार्य मंत्रालय
नोट्स- यह उन समुदायों के अधिकारों से सम्बन्धित है, जो जंगलों (अनुसूचित जनजातियों सहित) में रहते हैं. भूमि और
अन्य संसाधनों पर जो देश में औपनिवेशिक युग से वन कानूनों की निरंतरता के कारण वर्षों से उन्हें वंचित कर
दिया गया है.
* भारतीय राज्य व्यवस्था में निम्नलिखित में से कौनसी अनिवार्य विशेषता है, जो यह दर्शाती है कि उसका स्वरूप संघीय है
(A) न्यायपालिका सुरक्षित है
(B) संघ की विधायिका में संघटक इकाइयों के निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं
(C) केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में क्षेत्रीय पार्टियों के निर्वाचित प्रतिनिधि हो सकते हैं
(D) मूल अधिकार न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय हैं
नोट्स- न्यायपालिका की सर्वोच्चता संघ की एक अनिवार्य विशेषता है ताकि संविधान की निष्पक्ष व्याख्या की जा सके.
भारत में संविधान की रक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई है हालांकि, भारतीय संघवाद के मामले
में प्रशासनिक, विधायी, वित्तीय और न्यायिक मामलों में केन्द्र सरकार को अधिक अधिकार दिए गए हैं. वास्तव में
भारतीय संघीय ढाँचा साथ है केन्द्र सरकार के पक्ष में शक्तियों के विभाजन के लिए केन्द्र और राज्यों में सरकार के
दो सेट प्रदान करते हुए हमारे, संविधान के निर्माता केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के प्रमुखकी नियुक्ति, एकल
एकीकृत न्यायपालिका, एकल नागरिकता हमारे संघवाद की एकात्मक प्रकृति को इंगित करते हैं.
* निम्नलिखित में से कौनसा राज्य शब्द को सर्वोत्तम रूप से परिभाषित करता है ?
(A) व्यक्तियों का एक समुदाय जो बिना किसी बाह्य नियन्त्रण के एक निश्चित भूभाग में स्थायी रूप से निवास करता
है और जिसकी एक संगठित सरकार है
(B) एक निश्चित भूभाग के राजनैतिक रूप से संगठित लोग, जो स्वयं पर शासन करने कानून एवं व्यवस्था को बनाए
रखने अपने नैसर्गिक अधिकारों की रक्षा करने तथा अपनी जीविका के साधनों को सुरक्षित रखने का अधिकार
रखते हैं
(C) बहुत भूभाग में बहुत लम्बे समय से अपनी संस्कृति, परम्परा और शासन व्यवस्था के साथ रहते आए हैं
(D) एक निश्चित भूभाग में स्थायी रूप से रह रहा समाज, जिसकी एक केन्द्रीय प्राधिकारी के प्रति उत्तरदायी
कार्यपालिका और एक स्वतन्त्र न्यायपालिका है
नोट्स- राज्य शब्द का अर्थ एक निश्चित भूभाग के भीतर एक स्वतंत्र सरकार के तहत् राजनीतिक रूप से संगठित
एक समुदाय या समाज है जो किसी बाहरी नियंत्रण के अधीन नहीं है.
* भारतीय न्यायपालिका के संदर्भ में. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. भारत के राष्ट्रपति की पूर्वानुमति से भारत के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्त किसी न्यायाधीश
को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर बैठने और कार्य करने हेतु बुलाया जा सकता है.
2. भारत में किसी भी उच्च न्यायालय को अपने निर्णय के पुनर्विलोकन की शक्ति प्राप्त है, जैसा कि उच्चतम न्यायालय
के पास है.
उपर्युक्त कथनों में से कौनसा / कौनसे सही है/हैं ?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो। और न ही 2
नोट्स- सेवानिवृत्ति के बाद, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होते हैं हालांकि अनुच्छेद-
128 न्यायाधीश को तदर्थ न्यायाधीश के रूप में कार्य करने की अनुमति देता है.
एक न्यायालय होने के नाते, उच्त न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत् अपने स्वयं के
निर्णयों की समीक्षा कर सकता है.
* भारत के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. भारत में केवल एक ही नागरिकता और एक ही अधिवास है
2. जो व्यक्ति जन्म से नागरिक हो, केवल वही राष्ट्राध्यक्ष बन सकता है.
3. जिस विदेशी को क बार नागरिकता दे दी गई है, किसी भी परिस्थिति में उसे इससे वंचित नहीं किया जा सकता.
उपर्युक्त कथनों में से कौनसा/कौनसे सही है/हैं ?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 3
(D) 2 और 3
नोट्स- भारत में एकल नागरिकता का प्रावधान है भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार निम्नलिखित में
से किसी एक के आधार पर नागरिकता प्राप्त की जा सकती है.
(1) जन्म से प्रत्येक व्यक्ति जिसका जन्म संविधान लागू होने यानी कि 26 जनवरी, 1950 को या उसके पश्चात्
भारत में हुआ हो, वह जन्म से भारत का नागरिक होगा अपवाद राजनयिकों के बच्चे, विदेशियों के बच्चे.
(2) वंश परम्परो द्वारा नागरिकता- भारत के बाहर अन्य देश में 26 जनवरी, 1950 के बाद जन्म लेने वाला
व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाएगा यदि उसके के समय उसके माता-पिता में से कोई भारत का
नागरिक हो.
* निम्नलिखित में से कौनसा कारक किसी उदार लोकतंत्र में स्वतन्त्रता की सर्वोत्तम सुरक्षा को नियत करता है ?
(A) एक प्रतिबद्ध न्यायपालिका
(B) शक्तियों का केन्द्रीयकरण
(C) निर्वाचित सरकार
(D) शक्तियों का पृथक्करण
नोट्स- 18वीं शताब्दी के फ्रांसीसी सामाजिक और राजनीतिक दार्शनिक मॉन्टेस्क्यू ने ‘ट्राइस पोलिटिका’ या ‘शक्ति
प्रथकरण की अवधारणा Spirit of the Laws’ नामक पुस्तक में प्रस्तुत की इसी अवधारणा ने मानवों के
अधिकारों की घोषणा की प्रेरित किया जो अन्ततः स रा अमरीका के संविधान का आधार बनी मॉन्टेस्क्यू के
इस डल के अनुसार राज्य की सजनीतिक शक्ति को विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की शक्तियों
के बीच विभाजित कर दिया जाता है मॉन्टेस्क्यू का तर्क था कि स्वतंत्रता के प्रभावी प्रोन्नयन हेतु ये तीनों शक्तियाँ
पृथक्-पृथक् होनी चाहिए और उन्हें स्वतंत्र रूप से कार्य करना चाहिए.
* भारतीय संविधान के अन्तर्गत धन का केन्द्रीयकरण किसका उल्लंघन करता है
(A) समता का अधिकार
(B) राज्य की नीति के निदेशक तत्व
(C) स्वातंत्र्य का अधिकार की अवधारणा
(D) कल्याण
नोट्स- भारतीय संविधान अनुच्छेद 39राज्य / द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व राज्य अपनी नीति का विशिष्टतया इस
प्रकार संचालन करेगा कि सुनिश्चित रूप से-
(क) पुरुष और स्त्री सभी नागरिकों को समान रूप से जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार हो.
(ख) समुदाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियंत्रण इस प्रकार बँटा हो जिससे सामूहिक हित का सर्वोत्तम
रूप से साधन हो,
(ग) आर्थिक व्यवस्था इस प्रकार चले जिससे धन और उत्पादन-साधनों सर्वसाधारण के लिए अहितकारी संकेन्द्रण न हो.
(घ) पुरुषों और स्त्रियों दोनों का समान कार्य के लिए समान वेतन हो,
(ङ) पुरुष और स्त्री कर्मकारों के स्वास्थ्य और शक्ति का तथा बालकों की सुकुमार अवस्था का दुरुपयोग न हो और
आर्थिक आवश्यकता से विवश होकर नागरिकों को ऐसे रोजगारों में न जाना पड़े, जो उनकी आयु या शक्ति के
अनुकूल न हों.
(च) बालकों को स्वतंत्र और गरिमामय वातावरण में स्वस्थ विकास के अवसर और सुविधाएं दी जाएं और बालकों और
अल्पवय व्यक्तियों की शोषण से तथा नैतिक और आर्थिक परित्याग से रक्षा की, जाए.
* भारत में सम्पत्ति के अधिकार की क्या स्थिति है ?
(A) यह विधिक अधिकार है, जो केवल नागरिकों को प्राप्त है
(B) यह विधिक अधिकार है, जो किसी भी व्यक्ति को प्राप्त है
(C) यह मूल अधिकार है, जो केवल , नागरिकों को प्राप्त है
(D) यह न तो मूल अधिकार है, न ही विधिक अधिकार
नोट्स- ‘सम्पत्ति को अधिकार अभी भी भारत के संविधान के अनुच्छेद 300A के तहत् एक संवैधानिक अधिकार है,
हालांकि मौलिक अधिकार नहीं है. अधिकार से वंचित केवल कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार हो
सकता है इस मामले में, कानून उक्त अधिनियम था “
* 26 जनवरी, 1950 को भारत की वास्तविक सांविधानिक स्थिति क्या थी?
(A) लोकतंत्रात्मक गणराज्य
(B) सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य
(C) सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य
(D) सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य
नोट्स- भारतीय संविधान के अनुसार 26 जनवरी, 1950 को संविधान के लागू होने के समय भारत एक संप्रभु,
लोकतांत्रिक गणराज्य था. इसे 42वें संशोधन अधिनियम 1976 के बाद समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष होने
का संवैधानिक दर्जा मिला इसलिए विकल्प (B) सही है.
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