Ancient History Notes in Hindi

Ancient History Notes in Hindi

                              Ancient History Notes in Hindi

                                   ऋग्वेदिक कालीन उद्योग धंधे

* ऋग्वेद में कुछ शिल्पकारों के नाम मिलते हैं जैसे-तक्षों (बढ़ई), कर्मा (धातु कर्म करने वाला लोहार), स्वर्णकार, चर्मकार, व्हाई (जुलाहा), कुंभकार आदि.

* ऋग्वेदिक काल में रथो का अधिक महत्व था, इसलिए तक्षा का समाज में प्रतिष्ठित स्थान था.

* ऋग्वेद में तांबा और कांसा नामक धातुओं के लिए अयस शब्द का प्रयोग किया गया है.

* ऋग्वेदिक काल के लोग लोहा से परिचित नहीं थे.

* ऋग्वेदिक सभ्यता कांस्य कालीन सभ्यता थी.

* ऋग्वेदिक काल में चिकित्सा व्यवस्था या चिकित्सकों का उल्लेख मिलता है.

* ऋग्वेद में शल्यक्रिया का भी उल्लेख है.

* ऋग्वेद में अस्विनों को दिव्य चिकित्सक बताया गया है.

                                  ऋग्वेदिक कालीन धर्म

* ऋग्वेदिक लोग प्रकृति की पूजा करते थे, वे सूर्य नक्षत्र,वायु, चंद्रमा, पृथ्वी, वृक्ष, नदी, पर्वत, आकाश आदि की भी पूजा करते थे.

* ऋग्वेद में देवताओं की कुल संख्या 33 बताई गई है.

* ऋग्वेदिक लोग मूर्ति पूजा नहीं करते थे.

* ऋग्वेदिक काल के सबसे महत्वपूर्ण देवता इंद्र (सहस्त्राक्ष) थे.

 * इंद्र के संबंध में ऋग्वेद में 250 सूक्तो 25% की चर्चा की गई है.

* ऋग्वेद के दूसरे सबसे महत्वपूर्ण देवता अग्नि थे.

* अग्नि के संबंध में 200 सूक्तो में वर्णन किया गया है अग्नि को देवताओं और मानवों के बीच मध्यस्थ माना गया है.

* ऋग्वेदिक काल के तीसरे महत्वपूर्ण देवता वरुण थे.

* वरुण को जल या समुंद्र का भी देवता माना गया है, वरुण को रितष गोप (ऋतु का मुखिया) माना गया है.

* अर्थात ऋतु- पाप, पुण्य का नियामक वरुण को माना गया है.

* ऋग्वेदिक काल में सोम, वनस्पति पौधों के देवता थे

* सोम के संबंध में उल्लेख ऋग्वेद के नौवें मंडल में मिलता है.

* इनके अतिरिक्त मारुति (हनुमान के पिता) आंधी तूफान के देवता है.

* ऋग्वेद में सूर्या,उषा, अदिति, सविता आदि देवियों का भी उल्लेख मिलता है.

* एकेश्वरवाद का सर्वप्रथम उल्लेख ऋग्वेद में ही किया गया है.

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