Ancient History Notes in Hindi

Ancient History Notes in Hindi

                             Ancient History Notes in Hindi

                                                सूत्र साहित्य

* वैदिक साहित्य के बाद सूत्र साहित्य की रचना हुई है.

* सूत्र साहित्य के अंतर्गत वेदांत आते हैं.

* वेदों के अर्थ को अच्छी तरह समझाने के लिए वेदंगों की रचना की गई.

* वेदंगों की कुल संख्या 6 है.

* ये सब वेदांग है- पहला शिक्षा

                         दूसरा कल्प 

                         तीसरा व्याकरण

                         चौथा निरुक्त

                          पांचवा छंद और

                          छठा ज्योतिष

* शिक्षा- वैदिक शब्दों के शुद्ध-शुद्ध उच्चारण के लिए शिक्षा का निर्माण हुआ है.

* कल्प- कल्प का अर्थ विधि या नियम होता है, कल्प को सूत्र भी कहते हैं.

* कल्प साहित्य में गृहस्थ के लिए नियम आम लोगों के लिए नियम एवं यज्ञ से संबंधित नियम बताया गया है.

* कल्प को तीन भागों में बांटा गया है-

* पहला गृह या सूत्र- इसमें गृहस्थ के लौकिक एवं पारलौकिक कर्तव्यों का उल्लेख है.

* दूसरा धर्मसूत्र- इसमें व्यक्ति के सामाजिक धार्मिक राजनीतिक कर्तव्यों एवं अधिकारों का उल्लेख है.

* तीसरा स्रोत सूत्र- इसमें यज्ञ संबंधी नियमों का उल्लेख किया गया है.

* स्रोत सूत्र का ही एक भाग है, सुल्व सूत्र ज्यामिति का उद्भव शुल्व सूत्र से ही हुआ है.

* व्याकरण- इसमें साहित्य का अनुशासन दिया गया है.

* निरुक्त- निरुक्त का अर्थ शब्दकोश होता है इसमें किसी शब्द का क्यों वही अर्थ होगा इसका वर्णन किया गया है.

* निरुक्त की रचना ऋषि यास्क ने की थी.

* छंद- इसमें वैदिक साहित्य में किन-किन छंदों का प्रयोग किया गया है.

* ज्योतिष- ज्योतिष के अंतर्गत खगोल शास्त्र का अध्ययन किया जाता था.

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