Ancient History Notes in Hindi
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छठी शताब्दी ईसा पूर्व के धार्मिक आंदोलन
* छठी शताब्दी ईसा पूर्व का काल धार्मिक दृष्टि से महान परिवर्तन या क्रांति का काल था.
* इस काल में भारत के अलावा पूरे विश्व में धार्मिक आंदोलन हुए.
* चीन में कन्फ्यूशियस एवं लाओत्से ने, ईरान में जरथ्रुस्ट ने तथा भारत में महावीर एवं गौतम बुद्ध ने नवीन धार्मिक विचारधाराओं को जन्म दिया.
* इस धर्म सुधार आंदोलन को विश्व क्रांति का नाम दिया गया है.
* छठी शताब्दी ईसा पूर्व में भारत में वैदिक धर्म के विरुद्ध कई लोगों ने आंदोलन चलाया.
* इस आंदोलन के पीछे तत्कालीन, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं धार्मिक कारण थे.
* बौद्ध ग्रंथों में बुध के उदय से पूर्व छ: संप्रदायों का उल्लेख मिलता है.
* पहला व्यक्ति निगंठनाथ पुत्र- बौद्ध ग्रंथों में भगवान महावीर को निगंठनाथ पुत्र कहा गया है.
* महावीर ने जैन धर्म को महत्वपूर्ण बनाया.
* दूसरा पूरण कश्यप- इन्होंने अक्रिय वादी संप्रदाय की स्थापना की थी
* तीसरा मक्खली गौशाला- यह आजीवक संप्रदाय के संस्थापक थे.
* चौथा अजीत केशकम्बली- इन्होंने अच्छेदवादी संप्रदाय चलाया.
* पांचवा पाकुध कच्चायन- इन्होंने नित्यवादी संप्रदाय को चलाया.
* संजय ली पुत्र- इन्होंने संदेहवादी संप्रदाय चलाया.
* छठी शताब्दी ईसा पूर्व के सभी संप्रदायों से अधिक महत्वपूर्ण जैन एवं बौद्ध संप्रदाय हुआ.
* जैन एवं बौद्ध संप्रदाय न केवल एक धार्मिक आंदोलन था, बल्कि एक सामाजिक, धार्मिक सुधार आंदोलन था.
* इन दोनों धर्मों ने लोग कल्याण को अपना मुख्य उद्देश्य बनाया.
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