Ancient History Notes in Hindi

Ancient History Notes in Hindi

                                 Ancient History Notes in Hindi

         चंद्रगुप्त मौर्य समय- 322 ईसा पूर्व से 298 ईसा पूर्व तक = 24 वर्ष

* चंद्रगुप्त मौर्य, मौर्य साम्राज्य का संस्थापक था, इसने मगध के शासक धनानंद को मारकर मगध पर नंद वंश के स्थान पर मौर्य वंश का शासन स्थापित किया.

* यूनानी साहित्य में चंद्रगुप्त मौर्य का नाम सैंड्रोकोट्स मिलता है.

* सर्वप्रथम विलियम जोंस ने सैंड्रोकोट्स की पहचान चंद्रगुप्त मौर्य से की.

* चंद्रगुप्त मौर्य भारतीय इतिहास का पहला महान शासक था.

* चंद्रगुप्त मौर्य ने भारत को विदेशी दासता से मुक्त कराया, इसलिए इसे मुक्तिदाता (लिब्रेटर) भी कहा जाता है.

* चंद्रगुप्त मौर्य को लिब्रेटर जस्टिन ने कहा था.

* चंद्रगुप्त मौर्य की जाति के संबंध में विद्वानों में काफी मतभेद है.

* ब्राह्मण ग्रंथों में चंद्रगुप्त मौर्य को शूद्र कहा गया है.

* बौद्ध एवं जैन ग्रंथों में चंद्रगुप्त मौर्य को छत्रिय माना गया है.

* विशाखदत्त कृत (रचित) मुद्राराक्षस नामक नाटक में चंद्रगुप्त मौर्य को वृषल (कुलहीन) कहा गया था.

* परंतु अधिकतर विद्वानों का मानना है कि चंद्रगुप्त मौर्य, मौर्य वंश का क्षत्रिय था.

* चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने गुरु चाणक्य की सहायता से सर्वप्रथम पंजाब एवं सिंध के क्षेत्र को विजित किया, इस क्षेत्र को उसने विदेशियों के प्रभाव से मुक्त कराया.

* इसके बाद चंद्रगुप्त मौर्य ने मगध के शासक धनानंद को पराजित कर एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की.

* प्लूटार्क का कहना है कि चंद्रगुप्त मौर्य ने 6 लाख की सेना लेकर संपूर्ण भारत को  रौंध डाला.

* जस्टिन ने चंद्रगुप्त मौर्य की सेना को डाकुओं का गिरोह कहा है.

* चंद्रगुप्त मौर्य की सीमाएं- उत्तर पश्चिम में ईरान की सीमा से लेकर, दक्षिण में कर्नाटक तक एवं पूर्व में मगध से लेकर पश्चिम में सौराष्ट्र गुजरात तक विस्तृत थी.

* शक शासक रुद्रदामन के जूनागढ़ (गिरनार 150 ई. का) अभिलेख से पता चलता है कि स्वराष्ट्रप्रांत चंद्रगुप्त मौर्य के अधीन था.

* चंद्रगुप्त मौर्य ने पुस्यगुप्त वैश्य को यहां का राज्यपाल नियुक्त किया था.

* चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में ही स्वराष्ट्रप्रांत के जूनागढ़ में सिंचाई की सुविधा के लिए सुदर्शन झील का निर्माण कराया गया.

* दक्षिण भारत में कर्नाटक (श्रवणबेलगोला) की विजय चंद्रगुप्त मौर्य ने ही की.

* 305 ईसा पूर्व में सिकंदर के उत्तराधिकारी सेल्यूकस निकेटर ने भारत पर आक्रमण किया.

* चंद्रगुप्त मौर्य ने सेल्यूकस को बुरी तरह पराजित किया इसके बाद सेल्यूकस एवं चंद्रगुप्त मौर्य के बीच एक संधि हुई इस संधि के अनुसार सेल्यूकस ने चंद्रगुप्त मौर्य को कंधार (आराकोसिया) काबुल (पेरिपनीसडाई) एरिया (हेरात) तथा जेड्रोसिया का क्षेत्र दे दिया.

* अर्थात सेल्यूकस ने ईरान की सीमा तक का क्षेत्र चंद्रगुप्त मौर्य को दे दिया.

* सेल्यूकस ने अपनी पुत्री का विवाह चंद्रगुप्त मौर्य से किया.

* इसी संधि के अंतर्गत सेल्यूकस ने एक यूनानी राजदूत मेगास्थनीज को चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में रखने का आग्रह किया.

* चंद्रगुप्त मौर्य ने सेल्यूकस को 500 हाथी उपहार में दिया.

* चंद्रगुप्त मौर्य ने भारत में एक कुशल शासन प्रबंधन की स्थापना की.

* चंद्रगुप्त मौर्य के प्रशासन के संबंध में कौटिल्य के अर्थशास्त्र से विशेष जानकारी मिलती है.

* चंद्रगुप्त मौर्य एक शक्तिशाली योद्धा एवं कुशल प्रशासक था.

* चंद्रगुप्त मौर्य अपने जीवन के अंतिम समय में जैन धर्म अपना लिया, पहले शैव धर्म को मानता था.

* उसने अपना धार्मिक गुरु भद्रबाहु को माना भद्रबाहु ने ही चंद्रगुप्त मौर्य को जैन धर्म में दीक्षित किया था.

* 298 ईसा पूर्व में श्रवणबेलगोला (मैसूर कर्नाटक) में चंद्रगुप्त मौर्य ने उपवास द्वारा (सनलेखन) अपना प्राण त्याग दिया.

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