Medieval History Notes in Hindi
Medieval History Notes in Hindi
Medieval History Notes in Hindi
मुगल साम्राज्य 1526 ई. से 1707 ई. तक या 1526 ई. से 1857 ई. तक
बाबर 1526 ई. से 1530 ई. तक
* मुगल बादशाहों ने खलीफा की आधिपत्य को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया.
* वह सभी अपने आप को पूर्ण स्वतंत्र शासक मानते थे.
* इसलिए उन्होंने सुल्तान के स्थान पर बादशाह या पादशाह की उपाधि धारण की.
* मुगलों ने भारतीय युद्ध प्रणाली में परिवर्तन किए तथा पहले बार दो खाने और घुड़सवार सेना की संतुलित प्रयोग की उपयोगिता को सिद्ध किया.
* 14 फरवरी 1483 ई. को फरगना के एक छोटे से राज्य में जहीर उद्दीन मोहम्मद बाबर का जन्म हुआ.
* वह पितृ वंश की ओर से तैमूर का पांचवा वंशज तथा मात्री वंश की ओर से चंगेज खां का 14वां वंशज था.
* बाबर के पिता का नाम शेख उमर मिर्जा था.
* काबुल पर अधिकार करने के उपरांत 1507 ई. में बाबर ने बादशाह या पादशाह की उपाधि धारण की (विश्व में बादशाह की उपाधि धारण करने वाला शासक बाबर ही था).
* बाबर ने उस्ताद अली एवं मुस्तफा नमक तुर्की तोपों की सहायता से अपनी तोपखाना विभाग को सुदृढ़ता प्रदान की जिसने बाबर की भारत विजय को आसान बना दी.
* बाबर के भारत आक्रमण के समय उत्तर भारत का सबसे शक्तिशाली राज्य मेवाड़ था.
* मेवाड़ का शासक राणासंग्राम सिंह या राणासांगा थे, जो एक कुशल सेनापति था तथा दक्षिण भारत में विजय नगर का सम्राट कृष्णदेव राय के संरक्षण में अपनी समृद्धि के चरमोत्कर्ष पर था.
* पंजाब के सूबेदार दौलत खां लोदी तथा इब्राहिम लोदी का चाचा आलम खां लोदी ने बाबर को भारत पर आक्रमण करने के लिए आमंत्रित किया.
* संभवतः राणासंग्राम सिंह भी बाबर के आक्रमण के प्रतीक्षा में थे, क्योंकि इससे दिल्ली के अफ़गानों की शक्ति के समाप्त अथवा दुर्बल होने की आशा थी.
* बाबर ने भारत पर अपने प्रथम आक्रमण 1519 ई. में पंजाब के उत्तरी सीमा के निकट के दो स्थान बाजौर और भेरा को जीता और वापस चला गया.
* 21 अप्रैल 1526 ई. में पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने दिल्ली के शासक इब्राहिम लोदी को प्रास्त कर युद्ध भूमि में मार डाला.
* इसके साथ ही दिल्ली में सल्तनत युग में सत्ता का अंत हुआ तथा बाबर द्वारा मुगल वंश की स्थापना की गई.
* बाबर का तोपखाना उसकी तुगलकमा युद्ध नीति का प्रयोग और उसकी सेनापति की योग्यता उसके इस युद्ध में विजय के मुख्य कारण थे.
* बाबर ने 17 मार्च 1527 ई. को खानवा के युद्ध में मेवाड़ के शासक राणासांगा को पराजित किया.
* खानवा युद्ध के अवसर पर बाबर ने अपने सैनिकों का हौसला अफजाई करने के लिए जिहाद (धर्म युद्ध) की स्थापना या घोषणा की.
* तथा मुसलमानों को तमगा (व्यापारी कर) से मुक्त कर दिया तथा कभी भी शराब न पीने की कसम खाई.
* खानवा युद्ध में मारे गए राजपूत सैनिकों के सिरों की एक मीनार खड़ा की और गाजी की उपाधि धारण की.
* 1528 ई. में बाबर ने चंदेरी की युद्ध में मेदनी राय को पराजित किया.
* 1529 ई. में बाबर ने घाघरा के युद्ध में महमूद लोदी के नेतृत्व में अफगानों को बुरी तरह पराजित किया.
* 26 दिसंबर 1530 ई. को बाबर की मृत्यु हो गई.
* मरने से पहले बाबर ने हुमायूं को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया.
* तथा बाबर के शव को पहले आगरा के आरामबाग में परंतु बाद में उसे काबुल (अफगान) में बाबर के ही द्वारा चुने गए स्थान पर दफना दिया गया.
* बाबर की आत्मकथा तुजके बाबरी (बाबरनामा) संसार की श्रेष्ठतम आत्मकथाओ में अपना स्थान रखती है.
* बाबर की आत्मकथा तुर्की भाषा में लिखी गई है.
* तुर्की पद्द रचनाओं में बाबर का स्थान केवल मीरअल्ली शेर के पश्चात माना गया है.
* यह पद्द रचनाओं में बाबर के द्वारा किया गया संकलन दीवान था, जो तुर्की पद्द में श्रेष्ठ स्थान रखता है.
* पद्द में बाबर ने एक नवीन शैली में मुबईयान को लिखा जो मुस्लिम कानून की एक पुस्तक है.
* बाबर की एक रचना थी, जिसकी लिखने की शैली को भी नवीन माना गया था और जिसे खत-ए-बाबरी के नाम से जाना जाता है.
* बाबर ने सड़कों की लंबाई मापने के लिए गज-ए-बाबरी का प्रयोग कराया, जो जहांगीर के समय तक प्रयोग में आता रहा.
* पायंद खां और अब्दुर्रहीम खानखाना ने अकबर के समय में तुजके बाबरी का फारसी भाषा में अनुवाद किया.
* लेयडन एवं ईरस्किन ने 1826 ई. में तुजके बाबरी का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया.
* श्रीमती बेबरीज ने 1871 ई. में फ्रांसीसी भाषा में तुजके बाबरी का अनुवाद किया.
* बाबर द्वारा भारत में पानीपत एवं संभल में एक मस्जिद का निर्माण करवाया गया.
* तथा बाबर के समय में बाबर के एक सेनापति मीरबाकी द्वारा अयोध्या के बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया गया.
* तथा बाबर ने भारत में चारबाग शैली का आरंभ किया.
* डॉ. एस. आर. शर्मा ने बाबर की तुलना इंग्लैंड के ट्यूडर वंश के शासक हेनरी सप्तम से किया.
Amazon Today Best Offer… all product 25 % Discount…Click Now>>>>