Medieval History Notes in Hindi

Medieval History Notes in Hindi

                              Medieval History Notes in Hindi

                                     अकबर की धार्मिक नीति

* अकबर की धार्मिक नीति शुलह-ए-कुल (सभी के साथ शांति) के सिद्धांत पर आधारित था.

* 1571 ई. में अकबर ने आगरा के पास फतेहपुर सिकरी नामक नगर की स्थापना की.

* 1575 ई. में इसने फतेहपुर सिकरी में एक इबादत खाने की स्थापना कराई.

* जो धार्मिक विषयों पर वाद विवाद के लिए बनवाया गया था.

* 1578 ई. में इबादत खाने को सभी धर्मों के लिए खोल दिया गया.

* इबादत खाने में बहस के दौरान यह जिक्र आया कि प्रथम चार खलीफा जुम्मे के नवाज के समय स्वयं खुतवा पढ़ते थे.

* तैमूर के बारे में भी ऐसा पाया गया था, जिसे मुगल अपना पूर्वज मानने में गर्व करते थे.

* इन पूर्व उदाहरणों से प्रेरित हो कर अकबर ने 26 जून 1579 ई. में फतेहपुर सिकरी के जामा मस्जिद में स्वयं खुतवा पढ़ने का साहस दिखाया.

* अकबर द्वारा धार्मिक और भौतिक सत्ता को अपने हाथों में केंद्रित करने का विधिवत कार्य सितंबर 1579 ई. में महजर नामक दस्तावेज द्वारा हुआ.

* इस महजर को शेख मुबारक तथा उसके पुत्रों अबुल फजल और फैजी द्वारा तैयार किया गया था.

* तथा इन्होंने ही इसे जारी करने की प्रेरणा अकबर को दी थी.

* मजहर में अकबर को अमीर-उल-मोमिन (इस्लाम में विश्वास रखने वालों का नायक) कहा गया है.

* अकबर ने 1581 ई. में तौहिंद-ए-इलाही या दीन-ए-इलाही की शुरुआत की.

* इसमें कुल 17 सदस्य बने जिनमें एक मात्र हिंदू बीरबल थे.

* इतिहासकार स्मिथ ने अकबर के दीन-ए-इलाही को मूर्खता का स्मारक कहा है.

* 1583 ई. में अकबर ने एक नये कैलेंडर इलाही संवत को जारी किया.

* तथा इसके साथ-ही-साथ इलाही नामक सोने के सिक्के भी जारी किये.

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