Modern History Notes in Hindi

Modern History Notes in Hindi

                         Modern History Notes in Hindi

                              डच (होलैंड या नीदरलैंड):-

* भारत से व्यापार करने के लिए प्रथम डच कंपनी 1602 ई. में स्थापित हुई।
* इसे वेरिंग-दे-ओस्त इंडिशे” कंपनी नाम दिया गया. जिसकी आरंभिक पूँजी 65 लाख गिल्डर (मुद्रा) थी.
* डचों ने 1605 ई. में मुसलीपट्टम या मच्छली पट्टम में प्रथम डच कारखाने की स्थापना की.
* इसके पश्चात 1610 ई. मे पुलिकट में दूसरे कारखाना की स्थापना हुई.
* भारत मे डच फैक्ट्रीयो की विशेषता थी, कि पुलिकट स्थित गेल्ड्रीया के दुर्ग के अलावा अन्य सभी डच
वस्तीयो मे कोई भी किले बंदी नही थी।
* डचों के भारत में प्रमुख व्यापारी केन्द्र थे- सुरत, चीनसुरी, कासिम बजार पटना, बालाशो (उड़िसा),
नागपट्टम  (तमिलनाडु) तथा कोचीन आदि.
* डच कंपनी मुख्यत: गरम मशाले के लिए भारत आयी परंतु इसके लिए भारत की अपेक्षा इंडोनेशिया
एवं श्रीलंका उसे अधिक उपयुक्त लगे परंतु भारत से उन्हें सुती वस्त्र प्राप्त होता था, जिसकी दक्षिण
पूर्वी एशिया के देशो में काफी माँग थी।
* सूती वस्त्र का निर्यात डच कंपनी अत्यधिक नागपट्टम की बंदरगाह से करती थी।
* डच कंपनी द्वारा ही भारतीय सूती बस्त्र को यूरोप में ख्याती प्राप्त हुई.
* बंगाल में डचो ने अपनी पहली फैक्ट्री पीपलि में स्थापित की, इसके अलावे बालासोर, चीनुसुरा
(गुस्तावुल किला) तथा कासिम बजार इसके मुख्य व्यापारी केन्द्र थे।
* बंगाल से डच सूती वस्त्र, रेशम, शोडा तथा अफीम का निर्यात करते थे।
* डचो ने पुलिकट मे अपने स्वर्ण निर्मित पैगोडा सिक्को का प्रचलन करवाया.
* कुछ समय पश्चात ही डचों को शक्तिशाली ब्रिटिश नौसेना का सामना करना पड़ा, जिसके सामने
डच कंपनी टीक नही सकी.
* तथा 1759 ई. में वेदरा के युद्ध मे डच कंपनी अंग्रेजो द्वारा पराजीत हुई तथा भारतीय व्यापार से
अलग हो गई।
* भारत मे डचो की असफलता के मुख्य कारण थे, इसका सरकार के सिधे नियंत्रण में होना तथ
कंपनी के भ्रष्ट एवं अयोग्य पदाधिकारी एवं कर्मचारी का होना ।

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