Modern History Notes in Hindi

Modern History Notes in Hindi

                             Modern History Notes in Hindi

          1857 ई. के पूर्व का जनजातीय विद्रोह/पूर्वी भारत के विद्रोह

                             सन्यासी विद्रोह

* 1770 ई. में बंगाल में पड़े भीषण अकाल में अराजकता की स्थिति उत्पन्न कर दी.

* तथा इसके ऊपर से अंग्रेजी सरकार ने तीर्थ स्थलों की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया.

* जिसके फलस्वरूप बंगाल के संन्यासियों ने विद्रोह कर दिया वारेन हेस्टिंग्स द्वारा इस विद्रोह को हटा दिया गया.

* इस विद्रोह का उपदेश बंकिम चंद्र चटर्जी के उपन्यास आनंदमठ में मिलता है.

                       चुआर तथा हो का विद्रोह

* बंगाल के मिदनापुर के जिले से इस विद्रोह की शुरुआत हुई, जो दलभूम, कैलापल, ढोलका तथा  बराधुम जिले तक फैल गया.

* इनके द्वारा क्रमश: 1768 ई., 1820 ई., 1831 ई. तथा 1837 ई. में विद्रोह किया गया.

                             कोल विद्रोह

* रांची, सिंहभूम, हजारीबाग एवं पलामू जिले में यह विद्रोह 1831 ई. से 1837 ई. तक चला.

                            खासी विद्रोह

* खांसी तथा जयंतीया पहाड़ी क्षेत्र में हुए इस विद्रोह को 1833 ई. में दबा दिया गया.

* खासी विद्रोह का नेतृत्व राजा तीरथ सिंह द्वारा किया गया था.

                            अहोम विद्रोह

* असम में हुए अहोम विद्रोह का नेतृत्व गोमधर कुँवर द्वारा किया गया.

                   पागलपंती तथा फैराजी विद्रोह

* पागलपंथी एक अर्धधार्मिक संप्रदाय था जिसे उत्तरी बंगाल के करम शाह ने चलाया था.

* 1825 ई. में पागलपंती तथा फैराजी विद्रोह का नेतृत्व करम शाह के पुत्र टिपु ने किया था.

* फैराजी लोग बंगाल के फरीजपुर के वासी हाजीशरईतउल्ला द्वारा चलाए गए संप्रदाय के अनुयायी थे.

* पागलपंती तथा फैराजी विद्रोह का नेतृत्व हाजीशरईतउल्ला का पुत्र दादु मियां ने किया.

                संथाल विद्रोह 1855 ई. से 1856 ई. तक

* 1855 ई. 1856 ई, में हुआ संथाल विद्रोह आदिवासी विद्रोहो में सर्वाधिक जबरदस्त था.

* संथाल विद्रोह मुख्यतः भागलपुर से राजमहल के बीच केंद्रीत था जिसे दमन-ए-कोह कहा जाता था.

* संथाल विद्रोह मुख्य रूप से गैर आदिवासी, बाहरी लोगों के शोषण वादी एवं व्यवहार के विरूद्ध किया गया था बाहरी लोगों को संथाल लोग दीकु कहते थे.

* संथाल विद्रोह को सिदधू, कान्हु, चांद एवं भैरव नामक भाइयों ने नेतृत्व प्रदान किया.

* सिद्धू, कान्हू ने भगनीडीह नामक गांव में 10000 संस्थालो को संबोधित करते हुए कहा कि ठाकुर जी ने उन्हें आदेश दिया है कि वह आजादी के लिए अब हथियार उठा लेंगे.

* सरकार द्वारा इस विद्रोह को कुचलने के लिए मार्शल लॉ (अनुच्छेद 34) लागु करना पड़ा तथा सिद्धू, कान्हू को पकड़ने के एवज में ₹10000 देने की घोषणा की गई.

Amazon Today Best Offer… all product 25 % Discount…Click Now>>>>

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *