Upsc gk notes in hindi-19

Upsc gk notes in hindi-19

                              Upsc gk notes in hindi-19

 * ‘त्वरित वित्तीयन प्रपत्र (Rapid Financing Instruments) और त्वरित ऋण सुविधा (Rapid Credit Facility)’, निम्नलिखित में किस एक के द्वारा उधार दिए जाने के उपबंधों से सम्बन्धित हैं ?

(A) एशियाई विकास बैंक
(B) अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
(C) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम वित्त पहल
(D) विश्व बैंक
नोट्स- आरएफआई और आरसीएफ अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के दो ऐसे उपकरण, हैं, जिनके द्वारा सदस्य
          देशों को उधार दिया जाता है. आरएफआई एक ऐसा उपकरण है, जिसके अन्तर्गत पूर्ण कार्यक्रम
         की आवश्यकता के बिना भुगतान संतुलन (बीओपी) की तत्काल आवश्यकता का सामना करने वाले
        सदस्य देशों को तीव्र और कम पहुँच वाली वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है इसमें तत्काल जरूरतों
        की एक विस्तृत श्रृंखला को पूरा करने के लिए सहायता प्रदान जाती है, जिसमें कमोडिटी मूल्य झटके.
        प्राकृतिक आपदाओं संघर्ष और संघर्ष के बाद की स्थितियों और नाजुकता से उत्पन्न होने वाली आपात
        स्थिति शामिल हैं. व्यापक कवरेज के साथ एकल, लचीले तंत्र के रूप में, RFI ने IMF की पिछली नीति
        को दिया. जिसमे आपातकालीन प्रकृतिक आपदा सहायता (ENDA) और आपातकालीन पोस्ट-संघर्ष
        सहायता (EPCA) शामिल थी.
                                            आरसीएफ के अन्तर्गत तत्काल भुगतान संतुलन की जरूरत का सामना
        कर रहे नीची आय वाले देश (एलआईसी) को बिना किसी पूर्व शर्त के कम पहुँच, तेज और रियायती
        वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जब एक पूर्ण कार्यक्रम आवश्यक या व्यवहार्य नहीं समझा जाता
        है और आवश्यकता तत्काल होती है. यह झटके प्राकृतिक आपदाओं और नाजुकता से उत्पन्न आपात
        स्थितियों सहित विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों में सहायता प्रदान कर सकता है आरसीएफ के अन्तर्गत
        नीतिगत सहायता भी प्रदान की जाती है, यह विदेशी सहायता को उत्प्रेरित करने में मदद कर सकता है,

* भारतीय अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

1. अंकित प्रभावी विनिमय दर (Nominal Effective Exchange Rate (NEER)) में वृद्धि रुपए की मूल्यवृद्धि
    को दर्शाता है।
2. वास्तविक प्रभावी विनिमय दर (Real Exchange Effective Rate (REER))  में वृद्धि व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता
    में सुधार को दर्शाता है. 3. अन्य देशों में मुद्रास्फीति के सापेक्ष घरेलू मुद्रास्फीति में बढ़ने की प्रवृत्ति NEER और
    REER के बीच में वर्धमान अपसरण उत्पन्न कर सकता है.
उपर्युक्त कथनों में कौनसे सही है ?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3
नोट्स- एनईईआर (NEER-Nominal Effective Exchange Rate) कई विदेशी मुद्राओं के भारित औसत
            के मुकाबले मुद्रा के मूल्य का एक माप है एनईईआर में वृद्धि अपने व्यापारिक भागीदारों की मुद्राओं
           की भारित टोकरी (Weighted Basket) के मुकाबले स्थानीय मुद्रा की Effective सराहना को इंगित
           करता है.
                      आरईईआर (REER – Real Exchange Rate) में वृद्धि का अर्थ है कि निर्यात अधिक महँगा
           हो जाता है और आयात सस्ता हो जाता है, इसलिए इसमें वृद्धि व्यापार प्रतिस्पर्द्धा में कमी का संकेत
           देती है.
                     एनईईआर और आरईईआर सूचकांकों के बीच अंतर यह दर्शाता है कि भारत में मूल्य स्तर
           2008 के बाद से अपने निर्यात भागीदारों की तुलना में बहुत अधिक बना हुआ है, यही एक कारण है
           कि भारत की निर्यात वृद्धि और चालू खाते के संतुलन पर कोई जे-वक्र प्रभाव नहीं पड़ा है. इसलिए
           नोमिनल मूल्यहास से लागत बढ़ रही है, जबकि लाभ की कोई सम्भावना के भारत की नजर नहीं
           आती है.

* भारतीय अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

1. यदि मुद्रास्फीति अत्यधिक है, तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सम्भावित रूप से सरकारी प्रतिभूतियाँ खरीद
    सकता है।
2. यदि रुपए का तेजी से मूल्यह्रास हो रहा है, तो RBI बाजार में डॉलरों को सम्भावित रूप से विक्रय कर सकता है,
3. यदि USA या यूरोपीय संघ में ब्याज दरें गिरती होती. तो इससे सम्भावित रूप से RBI की डॉलरों की खरीद प्रेरित
    हो सकती है उपर्युक्त कथनों में कौनसे सही हैं ?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3
नोट्स- आरबीआई द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने का मतलब बाजार में अधिक तरलता जारी करना
           है, इसलिए मुद्रास्फीति के दौरान यह उचित नहीं है रुपए के बाहरी मूल्य (मूल्य हास) में गिरावट को
          रोकने के लिए आरबीआई डॉलर बेचता है. संयुक्त राज्य अमरीका और यूरोपीय संघ में ब्याज दरों में
         गिरावट के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशक भारत में अधिक निधियों निवेशित करते हैं, यह आरबीआई
         को और डॉलर खरीदने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि रुपए के अधिमूल्यन को नियंत्रित किया जा सके.

* G20 कॉमन फ्रेमवर्क के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

1. यह G20 और उसके साथ पेरिस क्लब द्वारा समर्थित पहल है
2. यह अधारणीय ऋण वाले निम्न आय देशों को सहायता देने की पहल है उपर्युक्त कथनों में
    कौनसा /से सही है/हैं ?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 न ही 2
नोट्स- DSSI से परे ऋऋण उपचार के लिए सामान्य ढाँचा (Common Framework for Debt Treatments
           beyond the DSSI) G20 और पेरिस क्लब देशों का Suspension उन समझौता है जो कम आय वाले
          73 देशों के लिए ऋण उपचार पर समन्वय और सहयोग करता है जो ऋण सेवा निलंबन पहल (Debt
          Service Initiative-DSSD के लिए पात्र हैं देशों के लिए जहाँ सार्वजनिक ऋण टिकाऊ नहीं है, यह
          स्थिरता को बहाल करने के लिए पर्याप्त ऋण के शुद्ध वर्तमान मूल्य में कमी के साथ एक गहन ऋण
          पुनर्गठन प्रदान कर सकता है.

* भारतीय अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में, ‘मुद्रास्फीति सहलग्न बॉन्ड’ [InflationIndexed Bonds (HBs)) के क्या लाभ है ?

1. सरकार IIBs के रूप में अपने ऋणग्रहण पर कूपन दरों को कम कर सकती है.
2. IIBs निवेशकों को मुद्रास्फीति के बारे में अनिश्चितता से सुरक्षा प्रदान करते हैं.
3. IIBs पर प्राप्त ब्याज और साथ ही साथ पूँजीगत लाभ कर योग्य नहीं होते.
उपर्युक्त कथनों में कौनसे सही हैं ?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3
नोट्स- मूलधन पर मुद्रास्फीति घटक का भुगतान व्याज के साथ नहीं किया जाता, लेकिन मूलधन को
           सूचकांक अनुपात (आईआर) से गुणा करके मूलधन में समायोजित किया जाता है मोचन के
           समय समायोजित मूलधन या अंकित, जो भी अधिक हो का भुगतान किया जाता है. मुद्रास्फीति
           के खिलाफ समायोजित मूलधन पर निश्चित कूपन दर का भुगतान करके व्याज दर को मुद्रास्फीति
           से सुरक्षा प्रदान की जा सकती है मौजूदा कर प्रावधान आईआईबी पर ब्याज भुगतान और पूँजीगत
          लाभ पर लागू होते हैं.

* भारत में कार्य कर रही विदेशी स्वामित्व की – वाणिज्य फर्मों के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौनसा/से सही है/हैं ?

1. अपने प्लेटफॉर्मों को बाजार स्थान के रूप में प्रस्तुत करने के अतिरिक्त वे स्वयं अपने माल का विक्रय
     भी कर सकते हैं.
2. वे अपने प्लेटफॉर्मों पर किस अंश तक बड़े विक्रेताओं को स्वीकार कर सकते हैं, यह सीमित है ?
नीचे दिए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1, न ही 2
नोट्स- ई-कॉमर्स कम्पनियों को यह सुनिश्चित करना होता है कि उनकी सम्बन्धित पार्टियों और सम्बद्ध
           उद्यमों में से कोई भी उनकी शॉपिंग वेबसाइटों पर विक्रेताओं के रूप में सूचीबद्ध नहीं है और
           कोई भी सम्बन्धित संस्था उसी प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले ऑनलाइन विक्रेता को सामान
           नहीं बेचती है.

* निम्नलिखित में कौन-कौनसे कार्यकलाप अर्थव्यवस्था में वास्तविक क्षेत्रक, (रियल सेक्टर) का निर्माण करते हैं ?

1. किसानों का अपनी फसलें काटना.
2. कपड़ा मिलों का कच्चे कपास को कपड़े में बदलना.
3. किसी वाणिज्यिक बैंक का किसी व्यापारी कम्पनी को धनराशि उधार देना.
4. किसी कॉर्पोरेट निकाय का विदेश में रुपया-अंकित मूल्य के बॉन्ड जारी करना
नीचे दिए कूट को प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(A) केवल 1 तथा 2
(B) केवल 2, 3 और 4
(C) केवल 1, 3 और 4
(D) 1, 2, 3 और 4
नोट्स- एक वाणिज्यिक बैंक द्वारा एक व्यापारिक कम्पनी को पैसा उधार देना और विदेशों में रुपया
            मूल्यवर्ग के बांड जारी करना मौद्रिक क्षेत्र के कार्य हैं.

* भारत के सन्दर्भ में हाल ही में जनसंचारमाध्यमों में अक्सर चर्चित ‘अप्रत्येक्ष अंतरण’ को निम्नलिखित में कौनसी एक स्थिति सर्वोत्तम रूप से प्रतिबिंबित करती है ?

(A) कोई भारतीय कम्पनी, जिसने किसी विदेशी उद्यम में निवेश किया हो और अपने निवेश पर मिलने वाले लाभ
      पर उस बाहरी देश को कर अदा करती हो
(B) कोई विदेशी कम्पनी, जिसने भारत में निवेश किया हो और अपने निवेश से मिलने वाले लाभ पर अपने
      आधारभूत देश को कर अदा करती हो
(C) कोई भारतीय कम्पनी, जो किसी बाहरी देश में मूर्त सम्पत्ति खरीदती है औ उनका मूल्य बढ़ने पर उन्हें
     बेच देती है तथा प्राप्ति को भारत में अंतरित कर देती है
(D) कोई विदेशी कम्पनी शेयर अंतरित करती है और ऐसे शेयर भारत में स्थित परिसम्पत्तियों से अपना
      वस्तुगत मूल्य व्युत्पन्न करते हैं
नोट्स- अप्रत्यक्ष हस्तांतरण उन स्थितियों को संदर्भित करता है जहाँ विदेशी संस्थाओं के पास भारत में शेयर
            या सम्पत्ति होती है. ऐसी विदेशी संस्थाओं के शेयरों को भारत में अंतर्निहित परिसम्पत्तियों के प्रत्यक्ष
            हस्तांतरण के बजाय स्थानांतरित किया जाता है.

* किसी संगठन या कम्पनी द्वारा किए गए व्यय के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौनसा/से सही है/हैं ?

1. नई प्रौद्योगिकी प्राप्त पूँजीगत व्यय है.
2. ऋण वित्तीयन को पूँजीगत व्यय माना जाता है, जबकि इक्विटी वित्तीयन को राजस्व ब्यय माना जाता है
नीचे दिए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1, न ही 2
नोट्स- पूँजीगत व्यय (Capital Expendi(ture) एक कम्पनी द्वारा सम्पत्ति संयंत्रों “इमारतों प्रौद्योगिकी
           या उपकरण जैसी भौतिक सम्पत्ति के अधिग्रहण, उन्नयन और रखरखाव के लिए उपयोग किए
           जाने वाले धन हैं. पूँजीगत व्यय का उपयोग अक्सर किसी कम्पनी द्वारा नई परियोजनाएं/ या
           निवेश करने के लिए किया जाता है.
                                                         जैसे इन परिसम्पत्तियों को प्राप्त करने या स्थापित करने के
           लिए अपनी कम्पनी की पूँजी के एक बड़े हिस्से का उपयोग करना चाहिए कई कम्पनियाँ पूँजीगत
           व्यय, वित्तपोषण के लिए ऋण वित्तपोषण य प्रतिधारित आय का उपयोग करती लेकिन कुछ ईक्विटी
          वित्तपोषण का उपयोग करती हैं इसलिए व्यय का वर्णन करने के लिए पूँजी शब्द का उपयोग किया
          जाता है.
                    राजस्व व्यय वर्तमान अवधि में या आमतौर पर एक वर्ष के भीतर उपयोग किए जाने वाले
         अल्पकालिक खर्च होते हैं राजस्व व्यय में व्यवसाय चलाने की चल रही परिचालन लागतों को पूरा
          करने के लिए आवश्यक खर्च शामिल हैं और इस प्रकार अनिवार्य रूप से परिचालन व्यय (ओपेक्स)
          के समान हैं.
                         इक्विटी फाइनेंसिंग शेयरों की बिक्री के माध्यम से पूँजी जुटाने की प्रक्रिया है. कम्पनियाँ
          पैसा जुटाती हैं, क्योंकि उन्हें बिलों का भुगतान करने के लिए अल्पकालिक आवश्यकता हो सकती
          है या दीर्घकालिक लक्ष्य हो सकता है और उनके विकास में निवेश करने के लिए धन की आवश्यकता
         होती है शेयर बेचकर, एक कम्पनी नकदी के बदले में अपनी कम्पनी में स्वामित्व को प्रभावी ढंग से बेच
         रही है.

 * भारतीय अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में,निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

1. घरेलू वित्तीय बचत का एक भाग सरकारी ऋणग्रहण के लिए जाता है.
2. नीलामी में बाजार सम्बन्धित दरों पर जारी दिनांकित प्रतिभूतियाँ आंतरिक ऋण
    की एक बड़ा घटक होती हैं. उपर्युक्त कथनों में कौनसा/से सही है/है ?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1, न ही 2
नोट्स- यह घरेलू बचत से तात्पर्य उस धन से है जो परिवार द्वारा करों का भुगतान करने और वस्तुओं और
           सेवाओं की खपत पर खर्च करने के बाद बचा है. अर्थव्यवस्था के दीर्घकालिक विकास के लिए
           महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह व्यापार और सार्वजनिक क्षेत्रों से बचत के अलावा घरेलु ऋण योग्य धन का
          प्राथमिक स्रोत है. घरेलू बचत का एक हिस्सा वाणिज्यिक बैंकों और डाकघरों में जमा किया जाता है.
         वाणिज्यिक बैंक इन निधियों का उपयोग सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने के लिए करते हैं. इस प्रकार
         घरेलू बचत सरकारी उधारी की ओर जाती है।
                                                                    नीलामी में बाजार से सम्बन्धित दरों पर जारी दिनांकित
        प्रतिभूतियों आतरिक ऋण के बड़े घटक के रूप में होती हैं. भारतीय रिजर्व बैंक सार्वजनिक ऋण का
        प्रबंधन करता है और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम से प्राप्त शक्तियों के तहत् केन्द्र और राज्य सरकारों
        की ओर से भारतीय मुद्रा मूल्य वर्ग के ऋण जारी करता है।

* निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

1. एच एन सान्याल समिति की रिपोर्ट के अनुसरण में न्यायालय की अवमानना अधिनियम 1971 पारित
    किया गया.
2. भारत का संविधान उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों को अपनी अवमानना के लिए दंड देने
    हेतु, शक्ति प्रदान करता है.
3. भारत का संविधान सिविल अवमानना और आपराधिक अमानन परिभाषित करता है
4. भारत में न्यायालय की अवमानना के विषय में कानून बनाने के लिए संसद में शक्ति निहित है
उपर्युक्त कथनों में कौनसा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1 और 2
(B) 1, 2 और 4
(C) केवल 3 और 4
(D) केवल 3
नोट्स- एच एन सान्याल समिति की रिपोर्ट में न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1932 को संशोधित
           करने की सिफारिश की गई थी, उसी के आधार पर न्यायालय की अवमानना अधिनियम 1971
           पारित किया गया न्यायालय की अवमानना से सम्बन्धित भारतीय संविधान में निम्नलिखित प्रावधान
           हैं-
(i) अनुच्छेद 19(1) (a) तथा अनुच्छेद 19(2)
(ii) अनुच्छेद 129 तथा सातवीं अनुसूची की संघीय सूची की प्रविष्टि संख्या 77 ( सर्वोच्च न्यायालय से सम्बन्धित)
(iii) अनुच्छेद 215 तथा सातवीं अनुसूची की राज्यसूची की प्रविष्टि से 14 (उच्च न्यायालयों से सम्बन्धित)
                  संवैधानिक तौर पर संसद को न्यायालय की अवमानना से सम्बन्धित विषय पर कानून बनाने की
      शक्ति प्राप्त है

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