Upsc gk notes in hindi-71

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                             Upsc gk notes in hindi-71

                                         परिच्छेद-9

ऊर्जा और जलवायु सम्बन्धी नीतिनिर्माण के क्षेत्र में भारत चुनौतीपूर्ण आसन्न भविष्य का सामना कर रहा
है. समस्याएँ कई हैं-जीवाश्मी ईंधन की उत्पादन क्षमताओं में अस्थिरता सबसे गरीब लोगों के लिए बिजली
और खाना पकाने के आधुनिक इंधन की सीमित पहुँच अस्थिर वैश्विक ऊर्जा के संदर्भ में ईंधन के आयात
में वृद्धि बिजली के निरंतर मूल्य निर्धारण और शासन की चुनौतियों के फलस्वरूप बिजली अत्यधिक कमी
अथवा अतिरिक्त आपूर्ति केवल यही नहीं, भूमि, जल तथा वायु पर बढ़ता हुआ पर्यावरणीय विवाद किन्तु
यह सब इतना निराशाजनक भी नहीं है बढ़ते हुए ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम एकीकृत शहरीकरण और परिवहन
नीति पर चर्चा तक पहुँच और ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास और नवीकरणीय ऊर्जा हेतु साहसिक
पहल भले ही इनकी ऊर्जा पूरी संकल्पना तैयार नहीं है, तथापि ये परिवर्तन की आशा की ओर संकेत करते हैं.

* निम्नलिखित में से कौनसा कथन उपर्युक्त परिच्छेद का सर्वाधिक निर्णायक संदेश प्रस्तुत करता है ?

(A) भारत के ऊर्जा निर्णयन की प्रक्रिया सदैव जटिल और अंतः सम्बन्धित है
(B) भारत की ऊर्जा और जलवायु नीति संधारणीय विकास के लक्ष्यों के लिए अत्यधिक सुसंगत है
(C) भारत की ऊर्जा और जलवायु सम्बन्धी कार्यवाही, इसके व्यापक सामाजिक, आर्थिक और
      पर्यावरणीय लक्ष्यों के लिए अनुकूल नहीं हैं
(D) भारत के ऊर्जा निर्णयन की प्रक्रिया सीधे तौर पर आपूर्ति-उन्मुख है और माँग पक्ष की उपेक्षा करती है.

                                      परिच्छेद-10

ऐसी रिपोर्ट आई हैं कि बाजार में बेची जाने वाली कुछ प्रतिजैविक औषधियाँ (ऐन्टिबायोटिक्स)
वृद्धिकारक (ग्रोथ प्रोमोटर) के रूप में कुक्कुट (पोल्ट्री) और अन्य पशुधन को खिलाई जाती हैं.
इन औषधियों के अति प्रयोग से ऐसे सुपरबग और रोगाणु उत्पन्न हो सकते हैं, जो बहु-औषधियों
के लिए प्रतिरोधी हों और जो मनुष्यों में भी प्रवेश कर सकते हैं. इससे सचेत होकर, कुछ कुक्कुट
पालन कम्पनियों ने कुक्कुटों का तेजी से वजन बढ़ाने के लिए औषधियों का प्रयोग बन्द कर दिया
है. 1990 के दशक से जब डेनमार्क ने प्रतिजैविक वृद्धिकारक (ग्रोथ प्रोमोटर ऐन्टिबायोटिक) के
प्रयोग पर रोक लगाई है, प्रमुख शूकर-मांस निर्यातक का कहना है कि अधिक संख्या में शूकर
पैदा हो रहे हैं और पशुओं में भी रोग कम हो रहे हैं.

* निम्नलिखित में से कौनसा कथन उपर्युक्त परिच्छेद का सर्वाधिक निर्णायक संदेश प्रस्तुत करता है ?

(A) लोगों को पशुपालन उत्पादों के सेवन से बचना चाहिए
(B) पशुओं से उत्पन्न खाद्य पदार्थों के स्थान पर पौधों से उत्पन्न खाद्य पदार्थों का उपयोग करना चाहिए
(C) पशुओं पर प्रतिजैविक औषधियों (ऐन्टिबायोटिक्स) प्रयोग पर प्रतिबन्ध होना चाहिए
(D) प्रतिजैविक औषधियों का प्रयोग केवल रोगों के उपचार के लिए ही किया जाना चाहिए

                                परिच्छेद-11

नीति निर्माताओं और जनसंचार माध्यमों (मीडिया) ने खाद्य पदार्थों की आसमान छूती कीमतों के लिए
कई कारकों को दोषी ठहराया है, जिसमें ईंधन की उच्च कीमतें, प्रमुख खाद्य उत्पादक देशों में खराब
मौसम और खाद्येतर पदार्थों के उत्पादन के लिए भूमि का उपयोग शामिल है. फिर भी, सर्वाधिक
आबादी वाली उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं से खाद्य पदार्थों की माँग में वृद्धि पर अधिक बल दिया गया
है. इससे इस बात की बहुत अधिक संभावना बनती है कि इन देशों में अत्यधिक खपत से खाद्य संकट
उत्पन्न हो सकता है.

* उपर्युक्त परिच्छेद के संदर्भ में निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं-

1. खाद्य पदार्थों के उच्च मूल्यों का एक कारण तेल उत्पादक देश हैं.
2. यदि निकट भविष्य में विश्व में खाद्य संकट उत्पन्न होता है, तो वह उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में होगा.
 उपर्युक्त में से कौनसी पूर्वधारणा / पूर्वधारणाएँ मान्य है/है ?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1, न ही 2

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