Ancient History Notes in Hindi

Ancient History Notes in Hindi

                               Ancient History Notes in Hindi

               सिंधु घाटी सभ्यता की समाजिक स्थिति में धार्मिक जीवन 

* सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के धार्मिक जीवन के बारे में पुरावशेषों के आधारों पर अनुमाण लगाया जाता है।
* सिंधु घाटी सभ्यता के लोग मुख्य रूप से मातृदेवी की पूजा करते थे। क्योकि अधिकतर स्थानों से मातृदेवी
की मूर्ति प्राप्त हुई है.
* देवी को वे लोग उर्वरा शक्ति का प्रतिक मानते थे।
* हड़प्पा से एक देवी की मूर्ति मिली है, जिसके पेट से एक वृक्ष निकल रहा है.
* देवी पूजा मे मानव वर्ली एवं पशु वर्ली का प्रचलन था.
* मार्टिमर व्हीलर सिंधु घाटी सभ्यता मे माह पूजा को ही प्रधान बताया है।
* सिंधु घाटी सभ्यता के लोग मातृदेवी के अलावे पशुपति शिव की पुजा करते थे।
* मोहनजोदरो से प्राप्त एक मुद्रा पर पशुपति-शिव की आकृति मिली है इस आकृति मे पदमाशन की मुद्दा
में बैठे एक योगी का चित्र मिला है।
* इस योगी के दायी और चीता और हाथी तथा वाई और गैंडा और भैसा चित्रीत है तीन मुखो वाले इस योगी
के सिर पर त्रिशुल की आकृती बने हुए है।
* मार्शल महोदय ने इस मूर्ति को रूद्र-शिव कहा है
* इसे पशुपति योगेश्वर महायोगी एवं त्रिमुख कहा गया है।
* इनके अतिरिक्त सिंधु घाटी सभ्यता के लोग प्रकृति की प्रजनन शक्ति की प्रतिक के रूप में लिंग तथा योनी
की भी पूजा करते थे.
* मातृ पुजा एवं शिव पुजा के अतिरिक्त सिंधु सभ्यता के लोग पशुओं, वृक्षो, पक्षीयो आदि के भी पूजा करते थे.
* वे पशुओं में साढ़ को वृक्षो मे पीपल को एवं पक्षियों में फाख्ता को पूजते थे। इनके अतिरिक्त नाग, स्वास्तिक
एवं सूर्य आदि की पुजा करते थे ।
* सिंधु घाटी सभ्यता के लोग अग्नी की भी पूजा करते थे, लोथल एवं कालिवंगा से अग्निकुंड का साक्ष्य मिला है.
* सिंधु घाटी सभ्यता के लोग जाऊ होना, जादू टोना, तंत्र-यंत्र आदि अंधविश्वास मे भी विश्वास करते थे.
* क्योंकि यहाँ के कई जगहों से तावीज मिलता है। मार्शल का मानना है कि हिन्दू धर्म का अनेक आदि रूप
सिंधु घाटी सभ्यता में देखने को मिलता है.

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