Medieval History Notes in Hindi

Medieval History Notes in Hindi

                              Medieval History Notes in Hindi

                              संगम वंश 1336 ई. से 1484 ई. तक

* विजयनगर साम्राज्य का प्रथम शासक हरिहर प्रथम बना.

* हरिहर प्रथम के समय में ही होयसल राज्य को पराजित कर विजय नगर में शामिल कर लिया.

* तथा हरिहर प्रथम ने अन्ने गोंदी को अपना राजधानी बनाया.

* हरिहर प्रथम का उत्तराधिकारी उसका भाई बुक्का प्रथम बना.

* बुक्का एक महान योद्धा राजनीतिज्ञ और विद्या प्रेमी शासक था.

* बुक्का प्रथम ने चीन में एक दूत मंडल (संदेशवाहक) भेजा था.

* बुक्का प्रथम के शासनकाल में मदुरा (पांडे) पर विजय हासिल करके मदुरा को विजय नगर साम्राज्य में शामिल कर लिया गया.

* इस विजय का वर्णन बुक्का प्रथम की पुत्र बंधु गंगा देवी की रचना मदुरा विजयम में मिलती है.

* बुक्का प्रथम की मृत्यु के पश्चात हरिहर द्वितीय शासक बना.

* हरिहर द्वितीय के समय में सायन ने वेदों पर टिका लिखी, जो हरिहर द्वितीय के मंत्री भी थे.

* तथा माधव ने पराशर स्मृति पर टिका लिखी.

* हरिहर द्वितीय का उत्तराधिकारी देवराय प्रथम बना.

* देवराय प्रथम ने तुंगभद्र नदी पर बांध बनाकर विजयनगर साम्राज्य के लिए कई नहरों का निर्माण कराया.

* देवराय प्रथम के शासनकाल में इतालवी यात्री निकोलो कोंटी ने विजयनगर साम्राज्य की यात्रा की और उसने इसका बहुत ही सुंदर वर्णन किया.

* देवराय द्वितीय संगम वंश का सबसे महान शासक था.

* देवराय द्वितीय विद्या का महान संरक्षक था.

* प्रसिद्ध तेलुगू कवि श्रीनाथ देवराय द्वितीय के समकालीन थे.

* कहा जाता है कि देवराय द्वितीय ने श्रीनाथ को उनके एक-एक लोगों के लिए एक एक सोने की अशर्फियां प्रदान की.

* देवराय द्वितीय अपनी सेना में मुसलमानों को शामिल करना प्रारंभ किया.

* तथा देवराय द्वितीय ने मस्जिद को बनाने की स्वतंत्रता प्रदान की तथा उन्होंने बड़े-बड़े जागीर भी प्रदान किया.

* देवराय द्वितीय के दरबार में फारस का प्रसिद्ध राजदूत अब्दुर्रजाक विजयनगर की यात्रा पर आया.

* अब्दुर्रजाक ने विजयनगर साम्राज्य एवं देवराय द्वितीय की भूरी भूरी प्रशंसा की.

* देवराय द्वितीय ने संस्कृत ग्रंथ महानाटक सुधानिधि की रचना की तथा ब्रह्मसूत्र पर टिका लिखी.

* एक अभिलेख में देवराय द्वितीय को गजबेटकर (हाथियों का शिकारी) कहा गया है.

* देवराय द्वितीय की मृत्यु के पश्चात मलिकार्जुन उसका उत्तराधिकारी बना, जिसे प्रौढ़ देवराय भी कहा जाता है.

* संगम वंश का अंतिम शासक  विरुपाक्ष  द्वितीय था.

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