Medieval History Notes in Hindi

Medieval History Notes in Hindi

                               Medieval History Notes in Hindi

                                तुलुव वंश 1505 ई. से 1565 ई. तक

* तुलुव वंश की स्थापना वीर नरसिंह द्वारा की गई.

* कृष्णदेवराय वीर नरसिंह का छोटा भाई था, जो इसके पश्चात विजयनगर का शासक बना.

* कृष्णदेवराय 1505 ई. से 1529 ई. तक विजय नगर के सभी शासकों में सबसे महान एवं शक्तिशाली शासक था.

* कृष्णदेव राय के शासनकाल में पुर्तगाली यात्री डोमी गोस पायस विजयनगर की यात्रा पर आया तथा उसने कृष्ण देव राय की खूब प्रशंसा की.

* कृष्णदेव राय का शासन काल तेलुगु साहित्य का स्वर्ण काल (क्लासिकि युग) माना जाता है.

* कृष्णदेव राय के दरबार में तेलुगु के 8 महान विद्वान थे, जिन्हें अष्ट दिग्गज कहा जाता था.

* कृष्णदेव राय भी एक विद्वान शासक थे.

* कृष्णदेव राय ने तेलुगु में अमुक्तामाल्यज नामक ग्रंथ की रचना की थी.

* तथा संस्कृत में जाम्बती कल्याणम नामक नाटक की रचना की.

* कृष्णदेव राय के अष्ट दिग्गज कवियों में प्रथम स्थान अल्सिन पेडुना का था.

* जिसे तेलुगु कविता के पितामह की संज्ञा दी गई, इसकी मुख्य क्रीती स्वरोचित संभव और मनुचरित्र था.

* अष्ट दिग्गज के आठवे कवी- तेनालीराम थे.

* तेनालीराम ने पांडुरंग महामात्य नामक ग्रंथ की रचना की, इस ग्रंथ की गणना तेलुगु के पांच महाकाव्य में की जाती है.

* कृष्ण देव राय ने यौवनराज्य, स्थापनाचार्य, आंध्रभोज, आंध्रपितामाह तथा अभिनवभोज नामक उपाधियां ग्रहण की.

* स्थापत्य कला के क्षेत्र में कृष्ण देव राय ने नागलपुर एवं हॉस्पेट नामक नगरों की स्थापना की.

* तथा हजारा एवं विट्ठल स्वामी नामक मंदिरों का निर्माण कराया.

* कृष्ण देव राय ने उड़ीसा के गजपति शासक प्रताप रूद्र देव को पराजित किया.

 * पुर्तगालियों से भी कृष्णदेव राय के अच्छे संबंध रहे.

* कृष्ण देव राय ने विवाह कर जैसे लोकप्रिय करो को समाप्त कर दिया.

* कृष्णदेव राय के शासनकाल में एक अन्य पुर्तगाली यात्री बारबोसा ने विजयनगर की यात्रा की थी.

* कृष्णदेव राय की 1529 ई. में मृत्यु हो गई, उसने अपने जीवनकाल में ही अपने चचेरे भाई अच्युत देवराय को अपना उत्तराधिकारी नामजद कर दिया था, यानी घोषित कर दिया था.

* परंतु 1542 ई. में कृष्ण देव राय के जामाता (दमाद) राम राय ने अच्युत देव राय को बंदी बना लिया.

* तथा अच्युत के भतीजे सदाशिव देवराय को गद्दी पर बैठा दिया, लेकिन सारी शक्तियां अपने हाथों में ले लिया.

* रामराय ने विजयनगर की सेना में बहुत बड़ी संख्या में मुसलमानों की भर्ती शुरू की.

*  तथा विजय नगर के पारंपरिक नीतियों के विपरीत उसने समकालीन दक्षिण के मुस्लिम राज्यों की आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने लगा जो अंततः विजयनगर साम्राज्य के पतन का कारण बना.

* बीजापुर के शासक अली आदिल शाह के नेतृत्व में सभी मुस्लिम राज्य ने मिलकर 25 जनवरी 1565 ई. को राम राय का सामना किया.

* प्रारंभ में विजयनगर की जीत हुई परंतु जब विजय नगर के मुस्लिम सैनिक अपने कर्मियों से मिल गए तो विजयनगर के पांव उखड़ गए.

* तथा राम राय युद्ध करता हुआ मारा गया.

* इस युद्ध में युद्ध को भारतीय इतिहास में तालीकोटा के युद्ध, बन्नी हट्टी का युद्ध तथा राक्षस तंगरी के युद्ध के नाम से जाना जाता है.

* इस  युद्ध के पश्चात विजयनगर साम्राज्य लगभग 100 वर्ष यानि एक शताब्दी तक जीवित रहा, परंतु उसकी स्थिति एवं वैभव बिल्कुल नष्ट हो चुके थे.

* राम राय के भाई तिरुमल ने सदाशिवराय को लेकर तमिलनाडु की तरफ भाग गया.

* तथा पेनुकोंडा को अपनी राजधानी बनाया.

* तथा तिरुमल द्वारा विजयनगर के चतुर्थ राजवंश की स्थापना की गई.

* विजयनगर साम्राज्य में राजा को राय कहा जाता था.

* विजयनगर साम्राज्य तुंगभद्र नदी के तट पर बसा था तथा इसका दरबारी भाषा तेलुगु था.

* वर्तमान में विजयनगर साम्राज्य की अवशेष कर्नाटक के हम्पी नामक स्थान से प्राप्त हुई है.

 * मेवेल ने विजयनगर साम्राज्य का इतिहास लिखा था.

* कर्नल टॉड द्वारा राजपूतों का इतिहास लिखा गया है.

* ग्रांटडफ द्वारा मराठों का इतिहास लिखा गया है.

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