Modern History Notes in Hindi
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थियोसॉफिकल सोसायटी
* 1875 ई. में न्यूयार्क में थियोसोफिकल सोसायटी की स्थापना मैडम ब्लावेटश्की तथा सर ओल्कोर्ट द्वारा की गई.
* तथा भारत में इन दोनों ने मद्रास के निकट अडयार नामक स्थान को अपना अंतरराष्ट्रीय कार्यालय बनाया.
* 1882 ई. में एनिवेसेंट इस सोसईटी के संपर्क में आए तथा 1887 ई. में औपचारिक रूप से इसमें शामिल हो गई.
* 1891 ई. में मैडम ब्लावेटश्की की मृत्यु पर एनिवेसेंट भारत आई.
* तथा 1897 ई. में सर ओल्कोर्ट की मृत्यु के पश्चात एनीबेसेंट थियोसॉफिकल सोसायटी की अध्यक्षा बनी.
* जिन्होंने 1917 में भारत को अपना कार्य स्थली बनाया.
* एनी बेसेंट द्वारा 1898 ई. में बनारस में सेंट्रल हिंदू कॉलेज या स्कूल की स्थापना की.
* जो 1916 ई. में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बी.एच.यू) के रूप में विकसित हुआ.
* जिसका श्रेय पंडित मदन मोहन मालवीय को जाता है.
* एनीबेसेंट ने आयरलैंड के होमरूल लीग (स्वराज लिंग) के तर्ज पर भारत में होमरूल लीग की स्थापना की.
* प्रार्थना समाज की स्थापना 1867 ई. में मुंबई में केशव चंद्र सेन की प्रेरणा से आत्माराम पांडुरंग, महादेव गोविंद रानाडे तथा चंद्रावरकर ने की.
* 1826 ई. में बंगाल में हेनरी विवियन द्वारा यंग बंगाल तरुण बंगाल आंदोलन चलाया गया.
* डेरेजियो को आधुनिक भारत का प्रथम राष्ट्रवादी कवि माना जाता है.
* इसी समय डब्ल्यू डब्ल्यू हंटर द्वारा इंडियन मुसलमान नामक पुस्तक लिखी गई.
* जिसमें मुसलमानों की गिरती हुई अवस्था का वर्णन किया गया था.
* सर सैयद अहमद खां का जन्म 1817 ई. में दिल्ली में हुआ था.
* सर सैयद अहमद खां ने तहजीब-उल-अखलाक नामक पत्रिका निकाली तथा कुरान पर टिका लिखा.
* 1875 ई. में इन्होंने अलीगढ़ में मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल स्कूल की स्थापना की.
* जो 1920 ई. में अलीगढ़ विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुई.
* मोहम्मद कासिम ननौत्वी तथा रशीद अहमद गंगोही के नेतृत्व में देवबंद शाखा ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक विद्यालय खोला.
* जिसका उद्देश्य था, कि मुस्लिम संप्रदाय के लिए धार्मिक नेता प्रशिक्षित किए जाएं.
* राजनीतिक क्षेत्र में देवबंद शाखा ने 1885 ई. में स्थापित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का समर्थन किया.
* 1888 ई. में देवबंद के उलमा ने सर सैयद अहमद द्वारा बनाई गई “संयुक्त भारतीय राज्य भक्त सभा” के विरुद्ध फतवा जारी कर दिया.
* मिर्जा गुलाम अहमद ने अहमदिया आंदोलन की शुरुआत की, कालांतर में मिर्जा गुलाम अहमद (कदायुनु ) ने स्वयं को श्री कृष्ण का अवतार मानना शुरू कर दिया.
* उन्होंने अपनी पुस्तक बाराहीन-ए-अहमदिया के द्वारा अपने सिद्धांतों की व्याख्या की.
* 1920 ई. में स्थापित अकाली आंदोलन ने 1921 ई. में गुरुद्वारों उद्धार के लिए महंतो के विरुद्ध अहिंसात्मक असहयोग सत्याग्रह आन्दोलन शुरू किया.
* जिसके परिणाम स्वरूप 1922 ई. में सिख गुरु द्वारा एक्ट पारित किया गया, जिसे 1925 ई. में संशोधित किया गया.
* 1851 ई. में कुछ अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त पारसियों ने रहनुमाए मजदाए स्नान सभा का गठन किया.
* जिसके संस्थापक दादाभाई नरोजी, फर्दौन्जी तथा आर. के. कामा थे.
* इन लोगों ने रास्त गोफ्तार नामक समाचार पत्र का संपादन किया.
* पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर के प्रयास से 1856 ई. के अधिनियम के धारा 15 के तहत विधवाओं के विवाह को बैद्ध घोषित करते हुए हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम 1856 ई. में लॉर्ड कैनिंग द्वारा किया गया.
* पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर स्त्री शिक्षा के प्रबल समर्थक थे.
* पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने बंगाल में कम से कम 35 बालिका विद्यालयों की स्थापना की.
* पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर के द्वारा वैज्ञानिक सभा की स्थापना की गई.
* प्रोफेसर डी. के. कड़वे ने पुणे में 1899 ई. में एक विधवा आश्रम स्थापित किया.
* इसमें उच्च वर्ण की विधवाओं को अध्यापिक,डॉक्टर,नर्स बनाने का कार्य किया जाता था.
* 1906 ई. में प्रोफेसर डी. के. कड़वे द्वारा मुंबई में भारतीय स्त्री विश्वविद्यालय की स्थापना की गई.
* 1872 ई. में एक कानून द्वारा जिसे सिविल मैरेज एक्ट कहा जाता था, के द्वारा 14 वर्ष से कम आयु की कन्याओ तथा 18 वर्ष से कम आयु के लड़कों का विवाह वर्जित कर दिया गया था
* तथा इसके साथ ही बहू पत्नी प्रथा को भी समाप्त कर दिया, परंतु यह भारतीयों पर लागू नहीं होता था.
* अतः एक पारसी समाज सुधारक बी.एम. मालाबारी के प्रयासों के फलस्वरूप 1891 ई. में समिति आयु अधिनियम (एज ऑफ कांसेप्ट एक्ट) पारित किया गया.
* जिसके फलस्वरूप 12 वर्ष से कम आयु की कन्याओं के विवाह पर रोक लगा दिया.
* एज ऑफ कांसेप्ट एक्ट का बाल गंगाधर तिलक ने विरोध किया.
* 1929 ई. से 1930 ई. के शारदा अधिनियम के द्वारा कन्याओं के विवाह की न्यूनतम आयु 14 वर्ष तथा कुमारों की आयु 18 वर्ष निश्चित की गई.
* ईसाई धर्म प्रचारक पहले लोग थे, जिन्होंने भारत में स्त्री शिक्षा के तरुण स्त्री सभा की स्थापना की.
* डी. वेटन ने 1849 ई. में कोलकाता में एक बालिका विद्यालय की स्थापना की.
* 1833 ई. का चार्टर एक्ट के तहत दास्तां को समाप्त करने की घोषणा की गई.
* तथा 1843 ई. में दास प्रथा का अंत लॉर्ड एलंबरों द्वारा कर दिया गया.
* 1887 ई. में महादेव गोविंद रानाडे ने भारतीय राष्ट्रीय सामाजिक सम्मेलन की स्थापना की.
* 1903 ई. में मुंबई समाज सुधारक सभा की स्थापना की गई.
* तथा मद्रास में एनीबेसेंट द्वारा हिंदू सम्मेलन की स्थापना की गई.
* 1926 ई. में अखिल भारतीय महिला संघ की स्थापना की गई.
* देवसमाज की स्थापना 1887 ई. में शिव नारायण अग्निहोत्री के द्वारा लाहौर में की गई.
* वेदसमाज की स्थापना केश्वरचंद्र सेन के समय श्रीधरलू नायडू द्वारा किया गया.
* परमहंस मंडली की स्थापना गोपाल हरी देशमुख द्वारा की गई थी.
* जिन्हें भारतीय इतिहास में लोकहितवादी के नाम से जाना जाता है.
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