Modern History Notes in Hindi

Modern History Notes in Hindi

                            Modern History Notes in Hindi

                                  भारत में शिक्षा का विकास

* 1781 ई. में वारेन हेस्टिंग्स द्वारा कोलकाता मदरसा की स्थापना की गई जिसमें फारसी एवं अरबी का अध्ययन किया जाता है.

* 1791 ई. में बनारस के ब्रिटिश रेजीडेंट मिस्टर डंकन के प्रयत्नों से बनारस में एक संस्कृत कॉलेज की स्थापना की गई.

* 1800 ई. में लॉर्ड वेलेजली ने ईस्ट इंडिया कंपनी के असैनिक अधिकारियों के लिए कोलकाता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की.

* परंतु 1802 ई. में इसे बंद कर दिया गया.

* 1813 ई. के चार्टर एक्ट के द्वारा पहली बार शिक्षा पर खर्च के लिए ₹100000 की व्यवस्था की गई.

* 1817 ई. में डेविड हेयर द्वारा राजा राममोहन राय की सहायता से कोलकाता में हिंदू कॉलेज की स्थापना की गई.

* तथा बाद में इसी कॉलेज का नाम प्रेसीडेंसी कॉलेज रख दिया.

* तथा इसी समय ब्रिटिश सरकार द्वारा कोलकाता, बनारस तथा आगरा में संस्कृत कॉलेजों की स्थापना की गई.

* 1835 ई. में लॉर्ड मैकाले ने शिक्षा पर अपना स्मरण पत्र जारी किया, जिसमें उच्च शिक्षा की भाषा का माध्यम अंग्रेजी को बनाया गया.

* मैकाले द्वारा सुप्रसिद्ध निस्यंदन का सिद्धांत (थ्योरी ऑफ़ फिल्ट्रेशन) दिया गया.

* 1854 ई. में शिक्षा पर चार्ल्स उड का डिस्पैच आया जिसे भारतीय सिक्षा का मैग्नाकार्टा कहा जाता है.

* इसमें व्यवसायिक, तकनीकी एवं महिला शिक्षा पर भी जोड़ दिया गया था.

* उड डिस्पैच की संस्तुति पर ही 1857 ई. में मुंबई, कोलकाता तथा मद्रास विश्वविद्यालय की स्थापना हुई.

* तथा मिस्टर वेटन के प्रयत्नों से कुछ महिला विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई.

* तथा 1882 ई. में पंजाब विश्वविद्यालय तथा 1887 ई. में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना की गई.

* लॉर्ड कर्जन के समय में 1902 ई. में ₹500000 वार्षिक 5 वर्षों के लिए विश्वविद्यालयों के सुधार के लिए निश्चित किया गया.

* और इसके पश्चात सरकारी अनुदान, सरकारी नीति की एक नियमित विशेषता बन गई.

* 1906 ई. में बड़ौदा जैसी प्रगति रियासत ने अपने यहां अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य कर दी.

* 1910 ई. से 1913 ई. तक गोपाल कृष्ण गोखले ने इसे समस्त भारत में लागू कराने का बहुत प्रयास किया.

* 12 फरवरी 1913 ई. के प्रस्ताव द्वारा सरकार ने अनिवार्य शिक्षा के सिद्धांत को स्वीकार नहीं किया.

* परंतु निरक्षरता समाप्त करने की नीति को अवश्य स्वीकार कर लिया गया इसमें यह भी सुझाव दिया गया कि प्रत्येक प्रांत में एक विश्वविद्यालय अवश्य होनी चाहिए.

* 1917 ई. में ब्रिटिश सरकार ने कोलकाता विश्वविद्यालयों के समस्याओं के समाधान के लिए सैडलर आयोग की नियुक्ति की.

* जिसके दो भारतीय सदस्य डॉ. आशुतोष मुखर्जी और जियाउद्दीन अहमद भी थे.

* 1929 ई. में शिक्षा के विकास हेतु हर्टोंग समिति का गठन किया गया.

* 1937 ई. में महात्मा गांधी ने अपने समाचार पत्र- द हरिजन में लिखो की एक श्रृंखला प्रकाशित किया और उसमें एक शिक्षा योजना का प्रस्ताव दिया, जिसे वर्धा योजना के नाम से जाना जाता है.

* इस योजना की रिपोर्ट जाकिर हुसैन समिति द्वारा प्रस्तुत की गई.

* 1944 ई. में शिक्षा की सार्जेंट योजना प्रस्तुत की गई थी.

* इस योजना में 40 वर्षों में भारत में शिक्षा के पुन: निर्माण का लक्ष्य रखा गया.

* जिसे एक खेड़ समिति ने घटाकर 16 वर्ष कर दिया.

* 1948 ई. में राधाकृष्णन आयोग का गठन किया गया जिसे विश्वविद्यालय शिक्षा पर अपनी रिपोर्ट देनी थी.

* 1949 ई. में इसने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं.

* पहला विश्वविद्यालय के पूर्व 12 वर्ष का अध्ययन.

* दूसरा विश्वविद्यालयों में परीक्षा के अतिरिक्त कम से कम 180 दिनों की पढ़ाई होनी चाहिए, जो 11-11 सप्ताहों के तीन सत्रों में होनी चाहिए.

* तीसरा प्रशासनिक सेवाओं के लिए विश्वविद्यालयों के स्नातक की उपाधि अनिवार्य नहीं होनी चाहिए.

* चौथा शिक्षा को समवर्ती सूची में शामिल किया जाए.

* पांचवा एक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग बना दिया जाए.

* 1953 ई. में राधाकृष्णन आयोग के सुझाव पर ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का गठन किया गया.

* शिक्षा में सुधार हेतु कोठारी आयोग की नियुक्ति की गई.

* तथा 1968 ई. में शिक्षा की राष्ट्रीय नीति घोषित की गई तथा इसमें सिफारिश की गई थी की-

* पहला 14 वर्ष के आयु तक अनिवार्य तथा निशुल्क शिक्षा होना.

* तथा दूसरा राष्ट्रीय आय का 6 % शिक्षा पर व्यय करना.

* 1986 ई. में नवीन शिक्षा नीति की घोषणा की गई.

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