Modern History Notes in Hindi
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Modern History Notes in Hindi
गोपाल कृष्ण गोखले 1866 ई. से 1915 ई. तक
* गोपाल कृष्ण गोखले गांधी जी के राजनीतिक गुरु तथा महादेव गोविंद रानाडे के शिष्य थे.
* जवाहरलाल नेहरू के गुरु गांधी जी के गुरु जी. के. गोखले के गुरु एमजी रानाडे थे.
* इसीलिए रनाडे को भारत का सुकरात कहा जाता है.
* जकारियाज ने लिखा है- “कभी भी किसी गुरु को ऐसा अधिक अच्छा शिष्य नहीं मिला जैसा कि रनाडे को गोखले मिले.
* गोखले ने पहली बार 1889 ई. के इलाहाबाद कांग्रेस अधिवेशन से राजनीति में भाग लिया.
* 1897 ई. में गोखले और दिनशावाचा को भारतीय व्यय के लिए नियुक्त वेल्वी आयोग के समुख साक्ष्य देने को कहा.
* 1902 ई. में गोखले बम्बई विधान परिषद के लिए तथा उसके पश्चात इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल के लिए चुने गए.
* विधान परिषद में उनका वजट पर भाषण सुनने वाले स्तब्ध(अबाक) रह जाते थे.
* 1905 ई. में गोपाल कृष्ण गोखले ने बणारस के कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता की.
* 1909 ई. के मार्ले मिंटो सुधारों को बनाने में गोपाल कृष्ण गोखले ने विशेष भूमिका निभाई.
* 1912 ई. से 1915 ई. तक में लोकसभा आयोग के सदस्य रहे.
* 1905 ई. में गोखले द्वारा- सर्वेंट ऑफ़ इंडिया सोसाइटी (भारतीय सेवक मंडल) की स्थापना की.
* श्रीमती सरोजिनी नायडू ने गोखले को क्रियात्मक और पश्चिमी कार्यकर्ता और एक रहस्यवादी स्वप्न दृष्टा के दुर्लभ योग की संज्ञा दी है.
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