Upsc gk notes in hindi-47
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प्रश्न.भारत के जल संकट के समाधान में, सूक्ष्म सिंचाई कैसे और किस सीमा तक सहायक होगी ? (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
उत्तर-सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली सामान्य रूप से बागवानी फसलों में उर्वरक एवं पानी देने की सर्वोत्तम एवं
आधुनिक विधि सनी जाती है. सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली में कम पानी से अधिक क्षेत्र की सिंचाई की
जाती है. इस प्रणाली में पानी को पाइप लाइन के माध्यम से खेत तक पूर्व निर्धारित मात्रा में पहुँचाया
जाता है. इससे पानी की बर्बादी को तो रोका ही जाता है, साथ ही यह जल उपयोग दक्षता बढ़ाने में
भी सहायक है.
भारत के जल संकट के समाधान में यह निम्न प्रकार से सहायक है-
पानी के कम-सेकम उपयोग से अधिक-से-अधिक उत्पादन, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाकर 30-40
प्रतिशत पानी की बचत होती है. इस प्रणाली से सिंचाई करने पर फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता
में भी सुधार होता है. सरकार भी ‘प्रति बूंद अधिक फसल मिशन’ के अन्तर्गत ‘फव्वारा’ एवं ‘टपक’ सिंचाई
पद्धति को बढ़ावा दे रही है. हमारे देश में अधिकांशतः खेतों में सिंचाई के लिए कच्ची नालियों द्वारा पानी
लाया जाता है, जिससे तकरीबन 30-40 प्रतिशत पानी रिसाव की वजह से बेकार चला जाता है. ऐसे में
सूक्ष्म सिंचाई पद्धति का इस्तेमाल करने में फायदा ही फायदा है.
प्रश्न. S-490 हवाई रक्षा प्रणाली, विश्व में इस समय उपलब्ध अन्य किसी प्रणाली की तुलना में किस प्रकार से तकनीकी रूप से श्रेष्ठ है ? (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
उत्तर-मॉस्को स्थित अल्माज़ सेंट्रल -डिजाइन ब्यूरो द्वारा विनिर्मित, S-400, मल्टीफंक्शन स्डार,
ऑटोनॉमस डिटेक्शन एण्ड टार्गेटिंग सिस्टम, एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइ सिस्टम, लॉन्चर और
कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से युक्त है. अत्याधुनिक मिसाइल प्राली व्यावहारिक रूप से किसी
भी हवाई लक्ष्यहाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों, 500 कमी की * सीमा के भीतर अवरोधन
बैलिस्टिक मेसाइलों, | मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) को भेदने में सक्ष है. यह मिसाइल
प्रणाली 400 किमी की समा भीतर ‘एक साथ सकने लक्ष्यों को भेद सक्षम है. इसे 5 मिनट के
भीतर सक्रिय किया जा सकता है, यह पिछले रूसी वायु रक्षा प्रणालियों की तुलना में दोगुना
प्रभावी है और इसमें मौजूदा और भविष्य की वायु रक्षा वायु सेना, सेना और नौसेना की इकाइयों
के साथ एकीकृत होने का लचीलापन भी मौजूद है.
कई लक्ष्यों को भेदने के लिए, S-400 पहले S-300 स्करण की मिसाइलों के साथ-साथ चार प्रकार
की मिसाइलों का उपयोग करता है. इसमें पहली 48N6DM मिसाइल है, जो 250 की सीमा के भीतर
हवाई लक्ष्यों को मार सकती है, जबकि 40N6 मिसाइल की मारक सीमा 400 किमी है और ‘बड़ी दूरी
पर हवाई लक्ष्यों को रोकने के लिए सक्रिय रडार होमिंग का उपयोग करती है.
प्रश्न. नवम्बर 2001 में ग्लासगो में विश्व के नेताओं के शिखर सम्मेलन में सीओपी 26 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में, आरम्भ की गई हरित ग्रिड पहल का प्रयोजन स्पष्ट कीजिए. अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में यह विचार पहली बार कब दिया गया था ? (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
उत्तर-ग्लासगो में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन ‘कॉन्फ्रेन्स ऑफ पार्टीज’ सीओपी 26
में भारत और ब्रिटेन दोनों देशों ने एक नई हरित ग्रिड पहल को शुरू करने के प्रति रुचि दिखाई,
जिसके जरिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों को जोड़ा जाएगा. नई वैश्विक हरित ग्रिड पहल की शुरूआत
‘वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत होगी. COP-26 सम्मेलन में दोनों देशों
के प्रधानमंत्रियों द्वारा ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव लॉन्च किया किया गया है. इसका प्रमुख मकसद दुनिया में
सौर ऊर्जा से चलने वाले सभी ग्रिड को एक साथ जोड़ना है, जो सूर्य को सभी के लिए ऊर्जा का एक
सुरक्षित एवं विश्वसनीय स्रोत बनने में योग्य बनाता है. इन प्रयासों से हरित निवेश को बढ़ावा मिलेगा और
हरित रोजगार सृजित होंगे.
अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में सौर ऊर्जा के लिए एकल वैश्विक ग्रिड की अवधारणा पर पहली बार 2018 के
अन्त में आईएसए की पहली असेम्बली में जोर दिया गया था, जिसे आईएसए -2021 की चौथी सभा में हरी
झण्डी दिखाई गई.
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