Upsc gk notes in hindi-69

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                             Upsc gk notes in hindi-69

                                         परिच्छेद-5

अजीर (जीनस फाइकस) के वृक्षों को भारत पूर्वी एशिया और अफ्रीका में पवित्र माना जाता है और ये
कृषि और शहरी क्षेत्रों में सामान्य रूप से पाए जाते हैं, जहाँ अन्य बड़े वृक्ष नहीं होते हैं प्राकृतिक वनों
में, जब अन्य संसाधनों की कमी होती है, अंजीर के वृक्ष वन्य प्राणियों के लिए भोजन उपलब्ध कराते
हैं और विविध प्रकार के फलभक्षियों (फल खाने वाले प्राणियों) की घनी आबादी को सहारा देते हैं.
यदि फलभक्षी पक्षी और चमगादड़ अत्यधिक मानवीय हस्तक्षेप वाले स्थानों पर लगे अंजीर के वृक्षों
पर निरंतर रूप से जाते रहें, तो पवित्र अंजीर वृक्ष प्रचुर संख्या में फलभक्षियों को बढ़ावा दे सकते हैं.
अनुकूल सूक्ष्म-जलवायु में अंजीर वृक्षों के आस-पास अन्य जातियों के वृक्षों के असंख्य पौधे उग
सकते हैं.

* उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं-

1. प्राकृतिक वनों में अंजीर के वृक्ष प्रायः आधारिक जातियाँ (की-स्टोर स्पीशीज) हो सकती हैं.
2. अंजीर के वृक्ष वहाँ भी उग सकते हैं, जहाँ अन्य बड़े काष्ठीय वृक्ष की जातियाँ नहीं उग सकती हैं,
3. जैव-विविधता के संरक्षण में पवित्र, वृक्षों की भूमिका हो सकती है.
4. अन्य वृक्ष जातियों के बीजों प्रकीर्णन में अंजीर वृक्षों भूमिका है
उपर्युक्त में से कौनसी पूर्वधारणा / पूर्वधारणाएँ मान्य ?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 3
(C) केवल 2 और 4
(D) केवल 1, 3 और 4

                                    परिच्छेद-6

कृषि पारिस्थितिकी के मूल में यह अवधारणा है कि कृषि पारिस्थितिक तंत्रों को प्राकृतिक पारिस्थितिक
तंत्रों के जैवविविधता स्तरों और कार्य प्रणाली का अनुकरण करना चाहिए ऐसी कृषि अनुकृतियाँ (मिमिक्स)
अपने प्राकृतिक मॉडलों की तरह उत्पादक, पीड़क-प्रतिरोधी पोषक-संरक्षक, तथा प्रघात और तनाव के
प्रति समुत्थानशील (रिजिलिअंट) हो सकती हैं. पारिस्थितिक तंत्रों में कुछ भी ‘व्यर्थ नहीं जाता है और पोषक
तत्वों का अनंत काल तक पुनःचक्रण होता है. कृषि पारिस्थितिकी का उद्देश्य पोषक लूपों को बंद करना है,
अर्थात्, मिट्टी से निकल चुके सभी पोषक तत्वों को फार्मयार्ड खाद के अनुप्रयोग जैसे तरीकों के द्वारा मिट्टी
में पुनः वापस पहुँचाना है. इसके अन्तर्गत प्राकृतिक प्रक्रियाओं का उपयोग पीड़क नियंत्रण के लिए तथा
अंतरसस्य कृषि (इंटर-क्रॉपिंग) के द्वारा मृदा को उर्वर बनाने के लिए भी किया जाता है. कृषि पारिस्थितिकी
पद्धतियों में पशुधन और फसलों के साथ वृक्ष का एकीकरण शामिल है.

* निम्नलिखित पर विचर कीजिए-

1. भूमि संरक्षण-सस्य (कवर क्रॉप्स)
2. उर्वरक-सिंचाई (फर्टिगेशन)
 3. जल संवर्धन
 4. मिश्रित कृषि
5. बहु-सुस्यन (पॉलीकल्चर)
6. ऊर्ध्वाधर कृषि (वर्टिकल फार्मिंग)
  परिच्छेद के अनुसार उपर्युक्त में से कौनसी, कृषि, पद्धतियाँ कृषि पारिस्थितिकी  के अनुकूल हो सकती हैं
(A) केवल 1, 4 और 5
(B) केवल 2, 3, 4 और 5
(C) केवल 1, 2, 3 और 6
(D) केवल 4 और 6

                                          परिच्छेद-7

न केवल क्रेडिट कार्ड के विवरण और डाटाबेस जैसे अमूर्त डाटा के साथ कम्प्यूटरों का सम्बन्ध
उत्तरोत्तर बढ़ता जा रहा है, बल्कि भौतिक वस्तुओं की वास्तविक दुनिया और संवेदनशील मानव
शरीर के साथ भी यह सम्बन्ध बढ़ रहा है. एक आधुनिक कार, पहियों पर एक कम्प्यूटर है, एक
विमान पंखों पर एक कम्प्यूटर ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स के आगमन से सड़क चिह्न और एम आर
आई स्कैनरों से लेकर कृत्रिम अंगों (प्रॉस्थेटिक्स) और इंसुलिन पंपों तक प्रत्येक वस्तु में कम्प्यूटर
शामिल हो जाएगा इस बात का प्रमाण नगण्य है कि ये उपकरण (गैजेट) इनके डेस्कटॉप समकक्षों
की तुलना में अधिक विश्वास योग्य होंगे. हैकर पहले ही यह प्रमाणित कर चुके हैं कि वे इंटरनेट से
जुड़ी कारों और पेसमेकरों का दूरस्थ नियंत्रण (रिमोट कंट्रोल) कर सकते हैं.

* उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर प्रतिपादित निम्नलिखित में से कौनसा कथन सर्वाधिक निर्णायक निष्कर्ष को सर्वोत्तम रूप से दर्शाता है ?

(A) कम्प्यूटर पूरी तरह सुरक्षित नहीं है
(B) सॉफ्टवेयर बनाने वाली कम्पनियाँ साइबर सुरक्षा को गम्भीरता से नहीं लेती हैं
(C) डाटा सुरक्षा सम्बन्धी कठोर नियमों की आवश्यकता है
(D) संचार प्रौद्योगिकी की वर्तमान प्रवृत्ति, भविष्य में हमारे जीवन को प्रभावित करेगी

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